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5.9.10

भाजपा की प्रदेश की सत्ता एवं संगठन की समन्वय समिति की सदस्य बनने से नीता पटेरिया का राजनैतिक कद बढ़ गया हैं

प्रदेश की सत्ता एवं संगठन की समन्वय समिति की सदस्य बनने से नीता पटेरिया का राजनैतिक कद बढ़ गया हैं। इस मुकाम पर पहुंच कर नीता यदि जिले की संभाग,मेडिकल कालेज या कृषि महाविद्यालय की मांग पूरी करा दें तो उनके इस पद का लाभ जिले को भी कुछ मिल जायेगा और लोग उनका नाम लेंगें। कांग्रेस के चुनाव के पहले चरण की घोषणा हो गई हैं। जिले से निर्वाचित 9 प्रदेश प्रतिनिधियों के नामों की घोषणा हो गई हैं। कांग्रेसियों द्वारा की गई उठा पटक का कोई खास परिवर्तन इसमें नहीं दिखा। पूर्व में चर्चित नामों में से सिर्फ दो परिर्वतन हुये हैं।ये परिवर्तन क्रमश: हिमाचल प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती उर्मिला सिंह एवं केन्द्रीय मन्त्री कमलनाथ के हस्तक्षेप के कारण हुये बताये जा रहे हैं। जिले के भाजपा और इंका के विरोध में अपने आप को थर्ड फ्रंट मानने वालों का तो फ्रंट ही नही खुलता हैं। तीसरे मोर्चे की गतिविधियां शून्य होने से जिले का राजनैतिक वातावरण इंका और भाजपामय होकर रह गया हैं।इनकी गतिविधियां नहीं होने से कई मामलों में कांग्रेस और भाजपा मिली जुली कुश्ती खेलकर जिले का नुकसान कराने से भी नहीं चूकते हैंं। प्रदेश युवक कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी का पिछले दिनों दूसरा प्रवास हुआ।पहली बार जब वे आये थे तो जिला युवक कांग्रेस के अध्यक्ष राजा बघेल थे और अब जब दूसरी बार आये तो राजा समर्थक रंजीत यादव अध्यक्ष हैं। राजा की गैरहाजिरी में भी यह कहना तारीफ में कसीदा काढ़ना था या कुछ औरर्षोर्षो इसे लेकर सियासी हल्कों में चर्चायें जारी हैं।

प्रदेश की सत्ता एवं संगठन की कोर कमेटी की सदस्य बनने से नीता का कद बढ़ा - पिछले दिनों भाजपा में सत्ता एवं संगठन में समन्वय स्थापित करने वाली कोर समिति का गठन किया गया हैं। इस समिति में प्रदेश अध्यक्ष एवं मुख्यमन्त्री के अलावा प्रदेश के अन्य वरिष्ठ भाजपा नेताओं को शामिल किया गया हैं। इस समिति में सिवनी की विधायक एवं प्रदेश भाजपा महिला मोर्चे की अध्यक्ष नीता पटेरिया को भी शामिल किया गया हैं। यह कोर कमेटी ना केवल सत्ता और संगठन में समन्वय बनाने का काम करती हैं वरन संगठन प्रधान भाजपा में यह समिति सरकार पर नकेल डालने का काम भी करती हैं। नीता पटेरिया की इस नियुक्ति से भाजपा में उनका राजनैतिक कद काफी बढ़ गया हैं। पहले सांसद रहने के कारण केन्द्रीय नेतृत्व से उनकी निकटता ने ही उन्हें विस की टिकिट भी दिलवायी थी। अब देखना यह है कि उनकी इस राजनैतिक उपलब्धियों से जिले को क्या मिलता हैंर्षोर्षो वैसे तो जिले की कई घोषणायें लंबित हैं और कई जायज हक नहीं मिल पाये हैं। यदि नीता पटेरिया के माध्यम से उपलब्धियां जिले को मिलती हैं तो निश्चित ही लागे उनकी प्रशंसा करेंगें। उदाहरण के लिये जिले का जायज हक बनता हैं कि यदि प्रदेश सरकार जबलपुर संभाग को विभाजित करके नया संभाग बनाती हैं तो मुख्यालय सिवनी को बनाया जाये। भौगोलिक और प्रशासनिक दृष्टि से सिवनी ही मुख्यालय बनने योग्य है लेकिन छिन्दवाड़ा को मुख्यालय बनाकर जिले का हक छीना जा रहा हैं।इस दिशा में प्रयास करके नीता जिले को यह उपलब्धि दिला सकतीं हैं। इसी तरह मुख्यमन्त्री की धोषणानुसार जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की दिशा में जिला कलेक्टर की ओर कुछ कार्यवाहियां भी शुरू हुयीं थीं जिनके अखबारों में समाचार भी छपे थे लेकिन वे भी अब बन्द सी ही हो गयाीं हैं। जिले में कृषि माविद्यालय खोलने की उनकी अपनी खुद की मांग ही लंबित हैं। ये तमाम मांगें प्रदेश सरकार से ही पूरी होनी हैं। अब यदि नीता पटेरिया इस कोर कमेटी की मेंबर रहते हुये इनमें से कुछ भी उपलब्धि करा देतीं हैं जो जिले को कुछ मिल जायेगा अन्यथा उनकी यह राजनैतिक उपलब्धि उनके लिये राजनैतिक रूप से भले ही लाभ दायक हो जायें लेकिन जिले के लिये कोई काम की नहीं रहेगी।

जिला इंका के प्रदेश प्रतिनिधियों की सूची जारी-जिले में कांग्रेस के चुनाव के पहले चरण की घोषणा हो गई हैं। जिले से निर्वाचित 9 प्रदेश प्रतिनिधियों के नामों की घोषणा हो गई हैं। कांग्रेसियों द्वारा की गई उठा पटक का कोई खास परिवर्तन इसमें नहीं दिखा। पूर्व में चर्चित नामों में से सिर्फ दो परिर्वतन हुये हैं। घंसौर ब्लाक से आलोक बाजपेयी के स्थान पर योगेन्द्र सिंह और सुनवारा ब्लाक से करतार सिंह बघेल के स्थान पर हरवंश सिंह की सहमति से नेहा सिंह को प्रतिनिधि बनाया गया हैं। ये परिवर्तन क्रमश: हिमाचल प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती उर्मिला सिंह एवं केन्द्रीय मन्त्री कमलनाथ के हस्तक्षेप के कारण हुये बताये जा रहे हैं। यह भी चर्चित हैं कि घंसौर ब्लाक कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर अब शक्ति सिंह के स्थान पर आलोक बाजपेयी के अध्यक्ष बनने जा रहें हैं। इसी तरह बरघाट ब्लाक से अर्जुन सिंह काकोड़िया को काट कर वर्तमान जिला इंकाध्यक्ष महेश मालू को प्रतिनिधि क्यों और किसने बनवाया हैंर्षोर्षो इस पर तो चर्चा करना ही बेमानी हैं। ऐसे खेल खेलने वाले नेता को हर कांग्रेसी पहचानता हैं। चुनावी धांधलियों को लेकर दिल्ली तक हाय तौबा मचाने वाले इंका नेता आशुतोष वर्मा और पूर्व इंका प्रत्याशी प्रसन्न मालू कुछ भी कर पाने में सफल नहीं हो पाये हैं। कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में सोनिया गांधी के निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिये जाने के बाद अब प्रदेश अध्यक्षो के चुनाव 17 सितम्बर तक होने हें फिर उसके बाद ही ब्लाक अध्यक्षों एवं जिला अध्यक्षों की घोषणा होगी। प्रदेश प्रतिनिधियों की घोषणा के बाद जिला अध्यक्ष कौन बनेगार्षोर्षो इसको लेकर तरह तरह की अटकलें जारी हैं।

थर्ड फ्रंट का तो फ्रट खुलता ही नहीं हैं जिले में -जिले के भाजपा और इंका के विरोध में अपने आप को थर्ड फ्रंट मानने वालों का तो फ्रंट ही नही खुलता हैं। तीसरे मोर्चे की गतिविधियां शून्य होने से जिले का राजनैतिक वातावरण इंका और भाजपामय होकर रह गया हैं। इन दलों की गतिविधियां चनावी होकर रह गईं हैं। राजनैतिक विश्लेषक तो यह तक कहने से नहीं चूकते हैं कि चुनावी समीकरणों में इस फ्रंट का उपयोग कांग्रेस और भाजपा के घाघ और पैसे वाले नेता अपने जीतने या दूसरे को हरानें के लिये कर लेते हैं। इसीलिये इन दलों की राजनैतिक विश्वसनीयता कम होते जा रही है। इन दलों की राजनैतिक सक्रियता इंका और भाजपा उदोनों ही दलों की निरंकुश गतिविधियों पर अंकुश लगा सकतीं हैं। लेकिन इनकी गतिविधियां नहीं होने से कई मामलों में कांग्रेस और भाजपा मिली जुली कुश्ती खेलकर जिले का नुकसान कराने से भी नहीं चूकते हैंं। यह ना केवल समय की मांग हैं वरन जिले के विकास के लिहाज से भी अत्यन्त आवश्यक हैं कि तीसरे मोर्चे के दलों को भी अपनी राजनैतिक सक्रियता बनाये रखना चाहिये।

जीतू द्वारा की गई राजा की तारीफ चर्चित-प्रदेश युवक कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी का पिछले दिनों दूसरा प्रवास हुआ।पहली बार जब वे आये थे तो जिला युवक कांग्रेस के अध्यक्ष राजा बघेल थे और अब जब दूसरी बार आये तो राजा समर्थक रंजीत यादव अध्यक्ष हैं। इस बार जीतू के कार्यक्रम में राजा बघेल उपस्थित नहीं थे। राजा की गैर हाजिरी में उनके गृह जिले में जीतू ने उनकी तारीफ में पुल बांधे और कहा कि जब में प्रदेश अध्यक्ष बना था तब आपके नगर के राजा बघेल भी दौड़ में थे। लेकिन राहुल जी ने मुझे अध्यक्ष बना दिया तथा राजा को राष्ट्रीय पद दे दिया और आज वे राहुल जी के साथ घूम रहें हैं। वैसे तो पहली बार जब जीतू सिवनी आये थे तब राजा जिले के अध्यक्ष तब उन्होंने यह बात नहीं कही और दूसरी बार जब वे आये तो राजा की गैरहाजिरी में भी यह कहना तारीफ में कसीदा काढ़ना था या कुछ औरर्षोर्षो इसे लेकर सियासी हल्कों में चर्चायें जारी हैं। वैसे जीतू के दोनों बार आने पर जिले में युवक कांग्रेस दिखी वरना ना जाने कहां गुम हो जाती हैं। राष्ट्रीय स्तर पर राहुल गांधी जो प्रयास युवक कांग्रेस के लिये कर रहें हैं उस दिशा में जिले में कुछ होता दिखायी नहीं दे रहा हैं। यहां तो कांग्रेसी परंपरा के अनुसार ही यह संगठन जब देखो तब भाट गिरी में ही व्यस्त दिखायी देता हैं कभी किसी की तो कभी किसी की। अब देखना यह हैं कि राहुल का असर जिले की युवक कांग्रेस पर कब पड़ता हैं।







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