एक तस्वीर
ना जाने
कहाँ से
एकदम
सामने आ गई,
आँखों से होकर
दिल में समा गई,
ऐसा कहाँ है
हमारी तकदीर में
कि हम भी हों
तुम्हारी तस्वीर में।
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अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
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