बाबा रामदेव ४ जून से दिल्ली के रामलीला मैदान मे अपना योग शिविर लगाने जा रहे और कह रहे हैं कि ये सिर्फ योग शिविर है जबकि दिल्ली मे लगे पोस्टर मे भ्रष्टाचार अभियान का विज्ञापन छापा गया है। अन्ना हजारे कि तर्ज़ पर यह अभियान शुरू करने का मन बाबा रामदेव ने जब बनाया तो प्रशाशन ने अनुमति नहीं दी। जिसके बाद उन्होंने योग क नाम का सहारा लिया और राजनितिक योग सिखाने क लिए अनुमति ले ली। लेकिन कोई और भी है जो अन्ना कि ही तर्ज़ पर लेकिन किसानो, बेरोजगारों और मुसलमानों के लिए २ जून से भूख हड़ताल पर बैठने जा रहे हैं। ये है वंचित समाज इन्साफ पार्टी कि जंतर मंतर पर ही भूख हड़ताल पर बैठने वाली है। लेकिन कब तक ये तो नहीं पता लेकिन अगर वो इन्साफ मिलने तक बैठते हैं तो शायद उन्हें दुनिया से दिवंगत होना पड़े। क्योकि बेरोजगारी, किसानो कि समस्या और मुसलमानों कि स्थिति जैसी समस्या शायद ही कोई हल कर सके। बहारहाल जो भी हो अन्ना का जादू पिछलग्गू बाबाओं और अस्तित्वविहीन पार्टियों के लिए वरदान जरुर बन गया है। अंतर ये है कि बाबाओं को योग से लेकर राजयोग का सहारा है और अस्तिवाविहीं पार्टियों को मात्र समाचारपत्रों का, जिसको पढ़कर ये पता चला कि कोई और भी है जो अन्ना कि तर्ज़ पर देश का उद्हर करना छह रहे हैं.
30.5.11
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