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16.8.11

दुर्वासा दल

* यदि अन्ना का आशय समझकर यह मान लिया जाय कि भारत की सवा सौ करोड़ जनता अपने लिए एक विश्वसनीय ,ईमानदार प्रधानमंत्री नहीं चुन सकती , तो यह भी तय समझा जाय कि हम स्वराज और लोकतंत्र के कतई योग्य और इसलिए इसके हक़दार नहीं है | फिर तो हमें लोकपाल की भी ज़रुरत नहीं है | हमें सीधे सीधे अपने देश की आज़ादी किन्ही अंग्रेजों के हाथ में वापस सौंपकर स्वयं निकटस्थ हिंद महासागर में डूब जाना चाहिए | ऐसी ही दुर्दशा के छवि बना रखी है सिविल सोसायटी ने |
सोचिये ,कि बजाय चुनाव प्रणाली पर ध्यान देने के , जिस से कि सही लोग सत्ता में जाँय ,ऐसे विधेयक के लिए जान दिया जा रहा है जिस से गलत ढंग से चुने गए लोगों पर एक कथित तलवार लटकती रहे , कोई बुद्धिमानी नहीं कही जायगी | काम लोकतंत्र की जड़ों में किया जाना चाहिए | वर्ना अंकुश रखने वाली कानूनी धाराओं कि कहाँ कमी है ? उन्हें भी लागू करने के लिए एक सक्षम ,सुदृढ़ , संकल्पवान , प्रज्ञाशील राजनीतिक सदिक्षा जो लोकपाल प्रदान नहीं कर सकता | वह विपरीत तः सही प्रधान मंत्री को भी कमजोर बनाकर रखेगा | और उसके ज़रिये पूरा भारत देश एक कमज़ोर हैसियत को प्राप्त होगा | यही हमारी आपत्ति है अन्ना के ड्राफ्ट बिल से | अन्ना कपिल सिब्बल के घर पानी भरने का प्रस्ताव करते है | मैं उनसे आठ साल छोटा हूँ , मैं दो छार बाल्टी पानी उनसे ज्यादा भर सकता हूँ | मैं पानी भरूँगा अन्ना के दरवाजे पर ,यदि उनके लोकपाल से देश नतभाल हो या या उन्नत -मस्तिष्क हो |
हाँ एक सख्त ,मजबूत चुनाव आयोग और उसका देशभक्त ,ईमानदार इन्फ्रा स्ट्रक्चर ऐसा अवश्य कर सकता है |चुनाव आयोग लोकतंत्र को , यहाँ तक कि जनप्रतिनिनिधियों की सांसद में हाजिरी तक भी सुनिश्चित कर सकता है | वही सक्षम है चुने प्रतिनिधियों कि सूची पर हस्ताक्षर करने के लिए | उस हस्ताक्षर को बोल्ड बनाया जाना चाहिए | सम्प्रति समाप्त
बड़े भाई साहब , दुर्वासा दल ,L-V-L /185, Aliganj , Lucknow। Mob 09415160913 Email-priyasampadak@gmail

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