वन्दे मातरम बंधुओं,
अन्ना के अनशन पे, इतना हाहाकार क्यों,
एक आम आदमी से, डरी सरकार क्यों ?.........
हिटलर ओ नाजी से, पी एम् हुए हैं क्यों?
स्वतंत्र भारत में, स्वतन्त्रता पे वार क्यों?.........
लोकपाल जबकि, सरकार लाना चाहती है,
लोकपाल पे आखिरश, खीची तलवार क्यों?.........
बाबा रामदेव का, दमन ये कर चुकी,
हक मांगने वालों पे, करती अत्याचार क्यों?.........
सत्ता से सडक तक, दलाल ही दलाल बस,
लोभी, लम्पट, लालचियों की, आई बहार क्यों?.........
भ्रष्टाचार खत्म हो, है सबकी जुबान पे ये,
लोकपाल बनने में, फिर भ्रष्टाचार क्यों?.........
लोकतंत्र जबकि, जनता के दम से है,
मेरे भारत वर्ष में, फिर लोकतंत्र की हार क्यों?.........
अन्ना के अनशन पे, इतना हाहाकार क्यों,
एक आम आदमी से, डरी सरकार क्यों ?.........
हिटलर ओ नाजी से, पी एम् हुए हैं क्यों?
स्वतंत्र भारत में, स्वतन्त्रता पे वार क्यों?.........
लोकपाल जबकि, सरकार लाना चाहती है,
लोकपाल पे आखिरश, खीची तलवार क्यों?.........
बाबा रामदेव का, दमन ये कर चुकी,
हक मांगने वालों पे, करती अत्याचार क्यों?.........
सत्ता से सडक तक, दलाल ही दलाल बस,
लोभी, लम्पट, लालचियों की, आई बहार क्यों?.........
भ्रष्टाचार खत्म हो, है सबकी जुबान पे ये,
लोकपाल बनने में, फिर भ्रष्टाचार क्यों?.........
लोकतंत्र जबकि, जनता के दम से है,
मेरे भारत वर्ष में, फिर लोकतंत्र की हार क्यों?.........
3 comments:
यशवंत जी , राजीव जी आप को ढेर सारी शुभकामनाएं इस पावन पर्व रक्षाबंधन पर -
बहुत खुसुरत लाजबाब रचना
भ्रमर५
सार्थक रचना ,बहुत खूबसूरत पोस्ट आभार
भारतीय स्वाधीनता दिवस पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं .
सुंदर प्रस्तुति ... आपके इस सुंदर सी प्रस्तुति से हमारी वार्ता भी समृद्ध हुई है !!
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