कितना एहसान फरामोश है एक भारतीय :
सोनिया गाँधी भारत की भाग्य विधाता है,
देश की प्रथम बहु है ,
उसके लिए कुछ भी नहीं
एक प्रार्थना भी नहीं
इस देश में छोटे से छोटे व्यक्ति के लिए , एक हमदर्दी होती है , कोई खिलाडी बीमार पड़ जाये , कोई अभिनेता बीमार पड़ जाये तो उसके लिए पूजा यज्ञ होने लगते हैं.
पर इस बार लगता है , सारे देश ने उन्हें भुला दिया ,
विरोधी तो खुशी मना रहे होंगे, पर कांग्रेस ने भी कोइ पूजा , यज्ञ , हवन , प्रार्थना का विचार तक नहीं किया .
हद है कृतघ्नता की .
हम इस ब्लॉग के माध्यम से उनकी लंबी , दीर्घ आयु की प्रार्थना करते हैं.
मतभेद अपनी जगह हैं , पर मानवता भी कोई चीज़ होती है ,
उन्हें क्या जरुरत है , यहाँ के छोटे किस्म के लोगों के बीच रहने की,
क्या उन्हें KGB ने CIA ने ब्लेकमेल किया हुआ है यहाँ राज्य करने के लिए ?
नहीं नहीं कदापि नहीं ,
वो केवल अपने पति के देश के प्रेम में यहाँ के लोगों के लांचन झेल रही हैं .
उस देश की सेवा कर रही हैं , जिसने उनके पति का क़त्ल किया .
न उनके पास पैसे की कमी है , पुरे मुल्क को कई वर्षों तक अपने पैसे से खिला सकती हैं.
उनके जाते ही कांग्रेस के नेता ही आपस में लड़ झगड कर खतम हो जायेंगे,
और छद्म-देश-भक्त-बी जे पी कि बन आएगी , जिसके नेता भूके हैं . कम से कम कांग्रेस के नेताओं के पेट तो भरे हैं .
भगवान उन्हें दीर्घायु करे , एवं इस देश को बचाये
इंडिया गेट पर आइसक्रीम खाते हुए
सास बहु और पोते
देश की चिंता के साथ , चिंता में मगन
एक नौकरी पेशा को प्रधान मंत्री का रास्ता दिखाया एवं बनाया
खुश रहो अहले वतन , हम तो इलाज के लिए सफर करते हैं .
घबराना नहीं, में जल्दी आकर सब संभल लूंगी .
8 comments:
भले ही व्यंग्य में कह रहे हों आप पर कह कर ये सब आपने एक सच्चे भारतीय होने का फ़र्ज़ अदा किया है.
सोनिया जी के लिए सिर्फ चर्च या मस्जिद में प्रार्थना होती है क्योंकि वे एक महान धर्म निरपेक्ष नेत्री हैं और धर्म निरपेक्षता में पूजा-पाठ, यज्ञ-हवन का कोई स्थान नहीं है ये सब सांप्रदायिक लोगों का काम है. और चर्च और मस्जिद में क्या होता है वो इस देश में कोई भी माई का लाल छापने या दिखलाने की हिम्मत नहीं कर सकता. इसीलिए आपको पता नहीं चल पता.
ये घटिया सोच का ही प्रलाप है, सोनिया तो चलो विदेश से आई हैं नारी की पूजा करने वाली सभ्यता का दंभ भरने वाले कांग्रेस के चिरंतन विरोधी तो इंदिरा गांधी को भी रंडी कह कर पुकारते थे
अफ़सोस इस बात का है कि कांग्रेस भी भूल गयी .
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congress ke liye sonia aur rahul murgi ke samaan hain jiski chhayaa me baithkar ye sab is desh ko kha sakte hain.ye unke hi under me ek rahne ke aadie hain.ye hi bhool gaye . hai na mazedaar baat.
बहुत दुःख होता है ऐसी पोस्ट पढ़कर .हम क्या सोनिया जी को केवल इसलिए आलोचना का शिकार बना रहे हैं की वे एक rajnetigay हैं .वे उससे भी पहले एक इन्सान हैं .विदेश में इलाज करना कोई अपराध नहीं .आप लोग राहुल जी को भी लगातार निशाना बना रहे हैं और कोई इस तरह अपनी माता की चिता करता तो आप बधाई करते पर .......गाँधी परिवार को निशाना बना एक सीमा तक ही शोभा देता है .तेजवानी जी ने इंदिरा जी के विषय में जो शब्द लिखा है वो तो पुरुष प्रधान हमारे समाज में हर कर्मठ स्त्री को नीचा दिखने के लिए इस्तेमाल कर लिया जाता है .सोनिया जी को यह शब्द कह नहीं सकते तो उन्हें विदेशी मेम अथवा एनी अपमानजनक शब्दों से पुकारा जाता है .
हम भी सोनिया जी के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं, क्योंकि उनके बगैर मनमोहन सिंह जी स्वयं को असहाय महसूस कर रहे हैं। बेशक वह ड्राइवर हैं, लेकिन गाड़ी किस रास्ते से किधर ले जानी है यह बताने वाला उनके पास मौजूद नहीं है, वह विदेश में स्वास्थ्य लाभ कर रहा है, ऐसे में देश की गाडी तो हिचकोले खानी ही है।
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