(मनरेगा) महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना :सफेद हाथी
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना यूपीए सरकार का सबसे महत्त्वाकांक्षी कार्यक्रम है। यह योजना फरवरी 2006 में शुरू हुई। लगभग शुरू से ही इसकी गड़बडियां सामने आने लगीं।तीन साल बाद इस योजना के साथ महात्मा गांधी का नाम तो जोड़ दिया गया, पर अनियमितताओं का सिलसिला चलता रहा है।
कुछ यक्ष प्रश्न जो वर्तमान में उत्तर मांग रहे हैं हर भारतीय से .
इस योजना ने देश को क्या दिया है ?
इस योजना का परिणाम क्या मिला है ?
इस योजना के भारी भरकम खर्च से ग्रामीण लोगो का विकास क्या वास्तव में हुआ है ?
क्यों नहीं हर साल के बजट में आवंटित इस मोटे बजट से सरकार ग्रामीण इलाको में निजी क्षेत्र के साथ मिलकर उद्योग धंधे विकसित कर देती है इससे देश का सकल घरेलु उत्पादन भी बढ़ जाता और हर ग्रामीण को काम मिल जाता और सही मायने में कर के रूप में प्राप्त राजस्व का सही उपयोग हो जाता ?
वर्तमान रूप में इस योजना को ढ़ोते रहना क्या सही है ?
आप ही बताये मनरेगा का विकल्प क्या हो या इसका सही स्वरूप क्या हो ?
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