- क्या शिवराज हरवंश नूरा कुश्ती के चलते उपेक्षित हुये अजय सिंह और भाजपा के जन प्रतिनिधि?
- बीते दिनों एक और केन्द्रीय मंत्री जयराम रमेश का सिवनी आगमन हुआ। जिले के इतिहास में सबसे फीका स्वागत रमेश का हुआ। वैसे भी पहीले के.सी.पंत से लेकर कई केन्द्रीय मंत्री सिवनी आये और उनका ऐसा ऐतिहासिक स्वागत हुआ था जिसे पुनाने कांग्रेसी आज भी याद करते हैं। यह भी एक ओपन सीक्रेट है कि जिले में कांग्रेस का पत्ता भी बिना हरवंश की मर्जी के हिलता है। सबसे मजेदार बात तो यह रही कि कांग्रेस और भाजपा के मंत्रियों की मंच पर मौजूदगी के बाद भी इंका भाजपा के जिलाध्यक्षों के साथ ही दोनों पार्टियों के नेता समारोह में नहीं थे। नंता प्रतिपक्ष अजय सिंह,मंत्री देवी सिंी और दोनों सांसदो तथा तीनों भाजपा विधायकों के नाम कार्ठ में नहीं थे। एक बात तो साफ है कि कांग्रेस खेमे से हरवंश सिंह इस कार्यक्रम के सर्वे सर्वा थे। लेकिन प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव प्रदेश सरकार के हेलीकाफ्टर से सिवनी आये थे। यह बात तो जग जाहिर हैं कि प्रदेश सरकार का हेलीकाफ्टर मुख्यमंत्री की अनुमति के बिना नहीं मिलता हैं। राजनैतिक विश्लेष्कों का मानना है कि इस कार्यक्रम में कांग्रेस और भाजपा के जो भी नेता अपमानित हुये उस षड़यंत्र से हरवंश सिंह और शिवराज सिंह दोनेां ही सहमत थे। प्रदेश के भाजपायी हल्कों में जारी चर्चाओं के अनुसार जिले में एक ओर लालबत्ती आने की पूरी संभावना दिखायी दे रही हैं। बताया जा रहा है कि जिले के वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मंत्री डॉ. ढ़ालसिंह बिसेन को पद से नवाजा जाने वाला हैं।
- इतिहास में सबसे फीका रहा जयराम का स्वागत-बीते दिनों एक और केन्द्रीय मंत्री जयराम रमेश का सिवनी आगमन हुआ। जिले के इतिहास में सबसे फीका स्वागत रमेश का हुआ। वैसे भी पहीले के.सी.पंत से लेकर कई केन्द्रीय मंत्री सिवनी आये और उनका ऐसा ऐतिहासिक स्वागत हुआ था जिसे पुनाने कांग्रेसी आज भी याद करते हैं। हालांकि वे प्रदेश सरकार की पंच परमेश्वर योजना के शुभारंभ पर आये थे लेकिन केन्द्र की कांग्रेस सरकार के एक ताकतवर मंत्री होने के नाते कांग्रेस के द्वारा जैसा उनका स्वागत सत्कार होना था वैसा नहीं हुआ। ना तो उनके स्वागत सत्कार में कोई द्वार लगाये गये और ना ही कोई रूपरेखा कांग्रेस द्वारा बनायी गयी। ऐसा क्यों हुआ? इसे लेकर सियासी हल्कों में तरह तरह की चर्चायें हैं। वैसे जयराम रमेश को लेने जिले के इकलौते कांग्रेस विधायक और विसउपाध्यक्ष हरवंश सिंह नागपुर गये थे। नागपुर से सिवनी तक जिस खस्ताहाल सड़क से वे आये उसकी दास्तान भी रोचक रही। जिले की ये फोरलेन उनके वन एवं पर्यावरण मंत्री रहते ही लफड़े में पड़ी थी। जिले में इसके विलन के रूप में जयराम रमेश के साथ ही केन्द्रीय मंत्री कमलनाथ और हरवंश सिंह भी माने जाते हैं। इसीलिये अपने भाषण में जयराम ने यह भी कहा कि आज से दो साल पहले यदि मैं सिवनी आता तो आप मुझे काले झंड़े दिखाते और मेरे पुतले जलाते। लेकिन अब मैने हालात देख लिये हैं और जल्दी ही ये सड़क बन जायेगी और इसमें हरवंश सिंह का पत्थर भी लगेगा। उनका भाषण भी पूरा हरवंशमय रहा। यह भी एक ओपन सीक्रेट है कि जिले में कांग्रेस का पत्ता भी बिना हरवंश की मर्जी के हिलता है। ऐसे में फिर जयराम रमेश के स्वागत में कांग्रेस क्यों सुस्त रही? इस पर बिना कुछ कहे ही सब कुछ कहा सकता हैं।
- इंका भाजपा नेताओं का अपमान क्या नूरा कुश्ती थी?-सबसे मजेदार बात तो यह रही कि कांग्रेस के केन्द्रीय मंत्री जयराम रमेश,नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह एवं विस उपाध्यक्ष हरवंश सिंह के साथ ही मंच पर प्रदेश की भाजपा सरकार के तीन मंत्री गोपाल भार्गव,देवसिंह सैयाम और प्रभारी मंत्री नाना भाऊ भी मौजूद थे लेकिन समारोह में ना तो जिला इंका के अध्यक्ष हीरा आसवानी, नगर इंकाध्यक्ष इमरान पटेल सहित कोई कांग्रेसी और ना ही भाजपा अध्यक्ष सुजीत जैन सहित कोई भाजपा नेता ही मौजूद था। और तो और क्षेत्रीय भाजपा सांसद के.डी.देखमुख और भाजपा के ही तीनों विधायक नीता पटेरिया,शशि ठाकुर और कमल मर्सकोले शामिल हुये और ना ही पूर्व मंत्री डॉ. ढ़ालसिंह बिसेन और मविप्रा के मंत्री का दर्जा प्राप्त नरेश दिवाकर, पालिका अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी ही शामिल हुये। ऐसा क्यों हुआ? इसे लेकर राजनैतिक क्षेत्रों में तरह तरह की चर्चायें चल रहीं हैं। एक बात तो साफ है कि कांग्रेस खेमे से हरवंश सिंह इस कार्यक्रम के सर्वे सर्वा थे। लेकिन प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव प्रदेश सरकार के हेलीकाफ्टर से सिवनी आये थे। यह बात तो जग जाहिर हैं कि प्रदेश सरकार का हेलीकाफ्टर मुख्यमंत्री की अनुमति के बिना नहीं मिलता हैं। एक तरफ तो हरवंश सिंह केन्द्रीय मंत्री जयराम रमेश के साथ नागपुर से ही लगे रहे तो दूसरी तरफ नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह अकेले ही विभिन्न नेताओं के कार्यक्रम में शरीक होते रहे। राजनैतिक विश्लेष्कों का मानना है कि इस कार्यक्रम में कांग्रेस और भाजपा के जो भी नेता अपमानित हुये उस षड़यंत्र से हरवंश सिंह और शिवराज सिंह दोनेां ही सहमत थे। तारीफ की बात तो यह है कि इस शासकीय आयोजन के जो कार्ड छपे थे उसमें ना तो नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह,मंड़ला के इंका सांसद बसोरी सिंह मसराम का नाम था और ना ही क्षेत्रीय सांसद देखमुख और क्षेत्रीय विधायक नीता पटेरिया का नाम था जबकि ये एक सामान्य शासकीय प्रोटोकाल हैैं जिसका भी पालन तक नहीं किया गया। प्रशासन ने सिवनी में कई बार दोबारा कार्ड छपवा कर बंटवाये हैं लेकिन इस बार यदि भूल भी हो गयी थी? तो ऐसा क्यों नहीं किया गया। यह एक गंभीर विचारणीय प्रश्न हैं। यदि ऐसा सिर्फ कांग्रेसी नेताओं के साथ भी होता तो बात अलग थी लेकिन भाजपा के जनप्रतिनिधियों सहित पंचयात एवं ग्रामीण विकास विभाग के राज्य मंत्री आदिवासी नेता देवसिंह सैयाम का भी नाम कार्ड में नहीं था। वैसे भी नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह भोपाल में पद्रेश कांग्रेस के स्वागत समारोह में स्पष्ट रूप से यह कह कर हरवंश को कठघरे में खड़ा कर चुके है कि प्रदेश में कांग्रेस तो सरकार बना लेगी बशर्ते ठाकुर हरवंश सिंह जैसे वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह को सर्पोट करना बंद कर दें। यदि यह कहा जाये तो अतिश्योक्ति नहीं होगी कि सिवनी के कार्यक्रम में घटा यह घटनाक्रम अजय सिंह के उस आरोप की ही पुष्टि करता हैं।
- डॉ.बिसेन को मिल सकती है लाल बत्ती-प्रदेश के भाजपायी हल्कों में जारी चर्चाओं के अनुसार जिले में एक ओर लालबत्ती आने की पूरी संभावना दिखायी दे रही हैं। बताया जा रहा है कि जिले के वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मंत्री डॉ. ढ़ालसिंह बिसेन को पद से नवाजा जाने वाला हैं। सियासी हल्कोंमें जारी चर्चा के अनुसार बिसेन को या प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष बनाया जायेगा या फिर वित्त आयोग का अध्यक्ष बनाया जायेगा। भाजपायी सूत्र यह भी बताते है कि महकौशल क्षेत्र के कुछ कद्दावार भाजपा नेता नहीं चाहते हैं कि बिसेन संगठन में किसी पद पर बैठ जायें। इसलिये ऐसा माना जा रहा है कि उन्हें अंततः प्रदेश के वित्त आयोग का अध्यक्ष बना कर लाल बत्ती थमा दी जायेगी। संवैधानिक पद डॉ. बिसेन को बिठाना भी भाजपायी क्षेत्रों चर्चित है।
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