लगता है भारतीय क्रिकेट की 'दीवार' कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ के रक्षण में दरार आ गई क्योकि एक बार वह फिर बोल्ड होकर ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान एलेन बॉर्डर के सर्वाधिक 53 बार बोल्ड होने के रिकॉर्ड की बराबरी करने के बाद अब अनचाहे विश्व रिकार्ड को अपने नाम करने की कगार पर खड़े हैं।
भारतीय क्रिकेट टीम के दीवार श्रीमान भरोसेमंद द्रविड़ आज यहां तीसरे टेस्ट के पहले दिन तेज गेंदबाज पीटर सिडल की गेंद पर बोल्ड हो गए। पिछली दस टेस्ट पारियों में द्रविड़ सातवीं बार बोल्ड हुए हैं।
अगर ऐसा ही चलता रहा तो पहले से ही विपक्षियों के निशाने पर रहे राहुल द्रविड़ हो सकता है कि वह कुछ अलग फैसले कर बैठे, जिनमें अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने जैसे फैसले भी शामिल हों। बढती उम्र और आखिरी समय पर गेंद से निगाहें हट जाने की समस्या को लेकर वह पहले से ही कई पूर्व क्रिकेट खिलाडियों के निशानें पर हैं।
कुछ दिनों पहले किसी टीवी न्यूज चैनल पर पूर्व क्रिकेटर विनोद काम्बली ने तो यहां तक कह दिया कि अब द्रविड़ की उम्र काफी ज्यादा हो गई जिसके कारण वह खेल पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं क्योकि पिछले काफी समय से देखा जा रहा है कि जब वह गेंद को रक्षात्मक ढंग से खेलते हैं तो उनके बल्ले और पैड के बीच काफी जगह छूट रही है, जिसको निशाना बनाकर विपक्षियों द्वारा किये गए आक्रमण से वह निपट नहीं पा रहे हैं यही वजह है कि वह बार बार एक ही तरीके से बोल्ड आउट हो रहे हैं। अगर वह क्रिकेट खेलते रहना चाहते हैं तो उन्हें जल्द से जल्द अपनी तकनीकी खामियों पर काबू पाना ही होगा।
No comments:
Post a Comment