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7.1.12

आकर्षण का केंद्र बना नगा साधु

शंकर जालान




कोलकाता। मकर संक्रांति के मौके पर गंगासागर स्नान से पूर्व देश के विभिन्न हिस्सों से आउट्रमघाट पहुंचे दर्जनों नगा बाबा अपने-अपने करतब के जरिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। कोई शंख बचा कर लोगों का ध्यान खींच रहा है, तो कोई झुले में बैठ कर। कोई गुप्तांग से भारी भरकम वजन खींच रहा है, तो कोई एक पैर पर खड़ा है। गुप्तांग से वजन खींचने वाले नगा बाबा जिन्हें लोग बलसाली बाबा भी कहते हैं ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने के बाद जनसत्ता को बताया कि गुप्तांग के साथ भारी वस्तु को खींचने की क्षमता एक तरह का हठ योग है। उन्होंने कहा- इस क्षमता को हासिल करने के लिए मैंने दो दशक से अधिक का समय अभ्यास में बिताया है।
अपनी शक्ति के बारे में बाबा ने बताया कि ऐसा करने के लिए या यह करतब दिखाने के लिए मुझे किसी विशेष प्रकार के आहार की आवश्यकता नहीं पड़ती। मैं भी अन्य लोगों की तरह ही चपाती, चावल, दाल, सब्जी का सेवन ही करता हूं।
उन्होंने कहा कि अधिकतर वे गुजरात के जूनागढ़ जिले में रहते है। योग सिद्धी पर पूछे गए सवाल के जवाब में बाबा ने कहा कि किसी भी साधना के लिए चरम एकाग्रता और दृढ़ संकल्प की आवश्यकता होती है।अपने के बारे में बताते हुए बाबा ने कहा कि वे अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उनकी सीख सदा मेरे साथ है। बाबा ने बताया कि उनके गुरू ने उन्हें एक बहुत ही मूल्यवान सबक दिया है वह है ताकत का दुरुपयोग न करना और हमेशा जरूरतमंदों की मदद करना।
बाबा ने बताया कि वे शुक्रवार सुबह यहां पहुंचे है और 12 जनवरी तक उनका डेरा यहीं रहेगा। इसके बाद वे गंगासागर के लिए रवाना हो जाएंगे। 14 जनवरी की शाम गंगासागर से लौटते ही गुजरात के लिए ट्रेन पकड़ लेंगे।

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