शंकर जालान
कोलकाता। उत्तराखंड के बद्रीनाथ से आए 82 वर्षीय बद्री विशाल बाबा अपनी लंबी और भारी जटा के लिए जाने जाते हैं। बाबा की भारी भरकम जटा के बाल भले ही नकली हो, लेकिन उसका असली है। बाबा ने बताया कि वे हर साल मकर संक्रांति के मौके पर गंगासागर जाने से पहले आउट्रमघाट पर दो-तीन दिन डेरा अवश्य डालते हैं। इसके अलावा वर्षों से कुंभ और अर्द्ध कुंभ में भी जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनका वजन 58 किलो है और उनकी जटा का वजन आठ किलो। इसी तरह उनकी लंबाई है पांच फीट तीन इंच है और उनके केश की लंबाई सात फीट। इतनी लंबी और भारी जटा के कारण आपको परेशानी नहीं होती? इसके जवाब में उन्होंने कहा- बिल्कुल नहीं, क्योंकि दिक्तत तो तब होती जब एकाएक इतना वजन माथे पर रखा जाता है, लेकिन मेरे साथ ऐसा नहीं है, क्योंकि जब से मैंने होश संभाला है, तब से केश नहीं कटाए। यह वजन धीरे-धीरे बढ़ा है और मेरी आदत में शुमार हो गया है। इतने लंबे व भारी केश की साफ-सफाई और कंघी कैसे करते हैं? इस सवाल के जवाब देने से पहल बाबा खिलखिला कर हंसे और कहा- मैं खुद ही दो-चार दिन में एक बार स्नान करता हूं। रही बात केश सफाई की तो साल-छह महीने में करता हूं। हां कंघी एक-दो दिन बाद कर लेता हूं ताकि केश उलझे नहीं। उन्होंने बताया कि वे रविवार को यहां आएं है और वृहस्पतिवार सुबह सागरद्वीप के लिए रवाना होंगे। बाबा ने कहा- लोग उन्हें बद्री विशाल के नाम से कम और जटाधारी बाबा के नाम से अधिक जानते हैं।
12.1.12
शरीर की लंबाई पांच फीट और जटा की सात फीट
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1 comment:
सार्थक प्रस्तुति, आभार.
कृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधार कर अपना स्नेहाशीष प्रदान करें, आभारी होऊंगा.
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