देश के सबसे गरीब राज्य उत्तर प्रदेश में 2 लाख करोड़ रुपये के इस घोटाले में गरीबों के लिए तय अनाज को जानबूझकर और एक प्रक्रिया के तहत खुलेबाजार में देश और विदेश में बेचा गया। यह घोटाला 7 साल तक चला और इसमें 5,000 एफआईआर भी दर्ज हुईं। इस घोटाले में इतनी पारदर्शिता थी की इसे रेलगाडी के माध्यम से देश के दुसरे हिस्सों में भेजवाया गया । जो अनाज गरीबों तक पहुंचना था उसे देश विदेश के खुले बाजारों में बेचा गया । इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में न्यायमूर्ति देवी प्रसाद सिंह ओर न्यायमूर्ति एस.सी.चौरसिया की खंडपीठ ने 3 दिसंबर 2010 को अनाज घोटाले के मामले में कहा था कि यदि राज्य सरकार भ्रष्टाचार के मामले में मुकदमें के लिए तीन महीने में अनुमति नहीं देती है तो उसके लिए किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं है। खंडपीठ ने सीबीआई को आदेश दिया कि बलिया. लखीमपुरखीरी और सीतापुर के साथ ही वाराणसी, गोंडा तथा राजधानी लखनऊ में भी हुए अनाज घोटाले की जाँच को अपनी जद में लाए।
प्रर्वतन निदेशालय और केन्द्रीय वित्त मंत्रालय इस बात की जाँच करे कि घोटाले की करोड़ों रुपए की राशि कहाँ गई। खंडपीठ ने केन्द्र सरकार को सरकारी कर्मचारियों पर मुकदमा चलाने के कानून में संशोधन करने को भी कहा। खंडपीठ ने कहा कि यदि कोई अधिकारी बाहर का है तो उसके खिलाफ जाँच सी बी आई करेगी।
एक खबर सुप्रीम कोर्ट से प्राप्त हुई है की सी.बी.आई. नें सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है की कानून मंत्री सलमान खुर्शीद और रीता बहुगुणा जोशी को भी अनाज घोटाले अपराधी की तौर पर शामिल है ।
कानून मंत्री सलमान खुर्शीद के द्वारा ज्योंही लखनऊ खंड पीठ नें अपना फैसला 2010 में सुनाया तुरंत इलाहाबाद हाई कोर्ट में उनके एक रिश्तेदार रफत आलम की नियुक्ति प्रधान न्यायाधीश के रूप में कर दी गई जिसके बाद यह मामला इस घोटाले को उठाने वाले याचिकाकर्ता नें सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करवा दिया । मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचने के बाद कानून मंत्री महोदय नें अपने पद का फायदा उठाते हुए अपने एक अन्य रिश्तेदार जावेद अहमद को लखनऊ सी.बी.आई. में ज्वाइंट डायरेक्टर बना कर बैठा दिये जिसके बाद से सी.बी.आई. के वकीलों पर अनावश्यक रूप से इस मामले को निपटाने का या रफा दफा करने के लिये दबाव पडने लगा, जिनमें से कुछ मामले दिल्ली तक पहुंच गये हैं ।
इस मामले को दुसरे नजरिये से देखा जाय तो अनाज घोटाले में मुलायम या समाजवादी पार्टी अथवा कांग्रेस पार्टी किसी भी रूप से जिम्मेदार नही बनती दिखलाई पड रही है इस मामले में शंका जाहिर की जा रही है की उक्त सारा अनाज घोटाला अमर सिंह, सलमान खुर्शीद और रीता बहुगुणा जोशी की मिली भगत से हुआ होगा । इस मामले में जनता मुलायम को या समाजवादी पार्टी को इसलिये जिम्मेदार नही मान रही है क्योंकी उस समय मुलायम से ज्यादा अमर सिंह की चला करती थी ।
अब देखना यह है की कांग्रेस पार्टी जो कई घोटालों में लिपटी हुई है अपने कानून मंत्री से किस तरह से निपटती है . यदि कांग्रेस मामले के उठते ही सलमान से केवल इस्तीफा ना लेकर उनके खिलाफ कडा बयान जारी करती है तो गांधी परिवार यू.पी. के दिलों में वापसी की उम्मीदें जगा सकते हैं ।
विधान सभा चुनाव के समय राहुल गांधी को अक्सर एक जुमला मुसलमान लोग सुनाते थे की क्या राहुल बाबा हमनें मांगा था मुसलमान और आपने भेज दिया सलमान ......
हकीकत ये है की गांधी परिवार नें अपने ऊपर लगने वाले सारे भ्रष्टाचारों को केवल इसलिये सहन किया है क्योंकी वे इस मामले में लिप्त लोगों को अपने परिवार का हिस्सा समझने की भूल करने लगे थे और उन्हे लगता की ये लोग ऐसा नही कर सकते जबकी हकीकत ये थी की इन लोगों नें देश का पैसा खाकर गांधी परिवार को बदनाम करने के अलावा कुछ नही किये ।
आलम - रिश्तेदार
सीबीआई. लखनऊ- जावेद अहमद (ज्वाइंट डायरेक्टर)
1 comment:
महोदय आपका ब्लॉग बहुत ही अच्छा है. अगर आप भ्रष्टाचार के खिलाफ ऐसे ही आवाज उठाना चाहते हैं तो यहं क्लिक करें : http://jagranjunction.com
यह एक ब्लोगिंग साइट है दैनिक जागरण की
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