59 साल बाद इस सीट से चुनाव जीतने वाली दूसरी महिला विधायक होने का मौका मिला था। आस-पास सक्रिय सत्ता भोगी चौकड़ी ने मंत्री के आस-पास ड़ेरा डालकर गुटबाजी बढ़ाई, सरकारी कामों में कराई धांधली, क्षेत्र में खराब हुई छवि, विरोधियों ने जुटाये सबूत, चुनावों में बढ़ेंगी मुश्किलें और आलाकमान ने बदल दी सीट।
कानपुर ग्रामीण क्षेत्रों की विधानसभा सीटें विशेष महत्व रखती है। उनमें से जी.टी रो इर्द- गिर्द स्थित विधानसभा सीट 1957 से ही अति विशेष महत्व वाली बनी है। इस सीट पर अब तक हुये 16 विधानसभा चुनाव सिर्फ दो ही महिलायें विधायक निर्वाचित हो पाई है। 1957 में कांग्रेस की ब्रजरानी देवी पहली बार विधायक चुनी गई थी या तो 2012 में समाजवादी पार्टी अरूण कुमारी कोरी ने जीत हासिल की थी। विधायक निर्वाचित होने के बाद अरूण कुमारी उत्तर प्रदेश सरकार मंत्री मंड़ल में एकलौती महिला मंत्री बनी।
29.12.16
मंत्री के कारिंदों ने डुबोई लुटिया
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कलम की ताकत सबसे बड़ी : उमाशंकर गुप्ता
सत्य की मसाल के 6वें सम्मान समारोह में पत्रकार, साहित्यकार व समाजसेवियों का सम्मान
भोपाल। राजस्व विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने दुष्यंत कुमार पाण्डुलिपि संग्रहालय में 27 दिसंबर 2016 को सत्य की मसाल द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में राजधानी के पत्रकारों, साहित्यकारों व समाजसेवियों को सम्मानित किया। मुख्य अतिथि श्री गुप्ता ने कहा कि मुझे खुशी है कि मैं मीडियाकर्मियों को सम्मानित कर रहा हूं। कलम की ताकत सबसे बड़ी है। उन्होंने कहा कि साहित्यिक, सांस्कृतिक समारोह के लिए मेरे आवास का हॉल उपयोग में किया जा सकता है।
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review of 'dear zindagi' : There is a kaira in all of us.
We ignore her, we suppress her. We are frightened to expose our innermost demons to the people around us, we fear being branded as mad, and we want to hide the kaira side of us. We fail to acknowledge that tears and stupid fears are part of the life process of every individual in varied measures. She as an upset angry quirky woman relates to every one of us at some point of time during the 120 minutes.
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प्रत्येक खबर के लिए 100 रुपये का भुगतान किया जाएगा
ashwaghosh.com को भारत के हर हिन्दी भाषी हिस्से में news contributors की ज़रूरत है। ऐसे लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी जो किसी न्यूज़ चैनल से भी जुड़े हों। ashwaghosh.com केवल और केवल ओरिजिनल कंटेंट ही स्वीकार करेगा और उसी के लिए पेमेंट किया जाएगा। news contributor अगर कहीं से भी खबर को कॉपी करते हैं तो वह स्वयं जिम्मेदार होंगे।
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सुधीर चौधरी के पक्ष में नहीं खड़े हो रहे बड़े पत्रकार
जी न्यूज़ के मुख्य संपादक सुधीर चौधरी के खिलाफ वेस्ट बंगाल में एफआईआर दर्ज हुई है। यह एफआईआर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के कहने पर की गई ऐसी चर्चा है। गौरतलब है वेस्ट बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एवम केजरीवाल की राजनीतिक ट्यूनिंग इन दिनों बेहतर है। जी न्यूज़ के मुख्य संपादक सुधीर चौधरी, केमरामैन, और रिपोर्टर पर एफआईआर होने के बाद लगता था मीडिया जगत का बड़ा हिस्सा इसकी खुली आलोचना करेगा, किन्तु ऐसा होते हुए दिखाई नहीं देता।
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PM मोदी ने जिस जंगल सफारी का उदघाटन किया, वहां ब्लैक में बेचा जा रहा टिकट
अरे साहब... इतनी दूर से आये हैं। यूं ही वापस चले जायेंगे तो दिन भी बर्बाद हो जायेगा और परिवार वाले भी मायूस हो जायेंगे। थोड़ा एक्स्ट्रा पैसा देंगे तो टिकट अरेंज कर दूं... चौंक गये? बातचीत के इस विस्तृत तरीके को हम 1 शब्द "ब्लैक" से बेहतर समझते हैं। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में जुम्मा-जुम्मा शुरु हुये जंगल सफारी में इन दिनों ब्लैक में ही टिकट बेची जा रही है। कमाल की बात यह है कि फिल्मों की टिकट ब्लैक में बिकते सुना/देखा था। लेकिन सफारी या जू की टिकट ब्लैक होने पर आश्चर्य के ज्यादा दुःख होता है कि आम जनता की मजबूरियों का फायदा उठाने में लोग कितना गिर गये हैं। और यह सफारी वही है जिसका उद्घाटन स्वयं प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने किया है।
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जनवरी में लांच होगा पॉलिटिकल पोस्ट
खबरों की दुनिया में अब आगाज होने जा रहा है एसे राजनीतिक समाचार संकलन का जो पकडेगा मतदाता की नब्ज और रुबरु करायेगा मतदाता के रुख से , चुनावी राज्यों में चुनाव से सरकार तक का सफर..... किसकी बनेगी सरकार । राजनीतिक समाचार संकलन अब पॉलिटिकल पोस्ट में होगा इस पोर्टल का कार्यालय इन्दिरापुरम गाजियाबाद में अंतिम चरण में है ।
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सपा में बरौली से जियाउर्रहमान को टिकट की मांग
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27.12.16
करोड़ों का मालिक है जो विधायक पुत्र, अब बन गया है मान्यता प्राप्त पत्रकार
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नवागत अलीगढ़ संपादकीय प्रभारी नीरज चौधरी का अलीगढ़ में स्वागत (देखें तस्वीर)
नवागत अलीगढ़ संपादकीय प्रभारी नीरज चौधरी का अलीगढ़ में स्वागत किया गया... इस तस्वीर में स्वागत करते हुए यूनिट हेड आदित्य सिंहा, इनके साथ में सीनियर एडीटर अजय शुक्ल और यूपी वेस्ट हेड पुष्पेंद्र शर्मा दिख रहे हैं.
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संजय कुमार विद्यावाचस्पत्ति उपाधि से सम्मानित
श्री संजय कुमार पनसुही, पटना (बिहार) के निवासी को हिन्दी सेवा, सारस्वत साधना, शिक्षा क्षेत्र में विशेष कार्य सेवा और उनके शोध कार्य के लिए राष्ट्रीय प्रतिष्ठा के आधार पर विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ, भागलपुर द्वारा 13 दिसम्बर 2016 को इक्कीसवें वार्षिक अधिवेशन समारोह, उज्जैन (म॰प्र॰) में विद्यावाचस्पत्ति (समकक्ष पी॰एच॰डी॰) की मानद उपाधि से नवाजा गया।
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भिया इंदौरियों... चाय की 'नाट' कहीं मिले तो बताना... उसकी 'नाक' काटना है!
भियाओन नमस्ते, मैं क्या केरिया था कि... अभी वैसे ही अपन लोगों का दिमाग मोदी जी ने जबरन नोटबंदी करके खराब कर दिया, पर क्या करें अपने को देशभक्ति का भूत भी चड़ा है... और इधर नगर निगम वाली भाभी जी के साथ उनके अफसर लोगों ने मिलकर इंदौर को स्वच्छ करने की मगजमारी अलग चालू करवा दी... अब भिया ये जो बैंक के लफड़े में अपने मगज की मारामारी होती है ना, उससे गुस्सा तो बोत आती है... पर अपन तो साला गुस्सा थूक भी नी सकते रे... साला इंदौर को स्वच्छ और 'हेमा मालनी' के सरिका ब्यूटी वाला फूल जो बनाना है..! वैसे भी बोत दिन हो गए, जब एक भिया ने बोला भी था कि सड़कें जो हैं, वो हेमा मालनी के गाल की तरह चिकनी-चपाट कर देंगे... तो वोई में सोच रिया था कि उन्हीं की तरह अपना इंदौर भी कभी ब्यूटीफुल हो जाए तो मजे आ जाए बावा..!
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उत्तराखंड में महापंचायत के जरिए ग्रामीणों ने चुना अपना प्रत्याशी
देश के जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं उसमें उत्तराखंड राज्य भी है। उत्तर प्रदेश से अलग होने के बाद इस हिमालयी राज्य में चौथी बार राज्य के मतदाता अपनी सरकार चुनेंगे। अभी तक यहां की सियासत कांग्रेस व भारतीय जनता पार्टी दोनों के इर्दगिर्द ही घूमती रही है। अब तक हुए तीन विधानसभा चुनावों में दो बार कांग्रेस व एक बार भाजपा सरकार बनाने में कामयाब रही है। संयोग ये भी रहा कि अब तक गठित तीनों ही सरकारों को निर्दलीय विधायकों या अन्य छोटे दलों के सहयोग से ही सरकार बनानी पडी। राज्य में दो दलों के अलावा हालांकि एक क्षेत्रीय पार्टी उत्तराखंड क्रांतिदल वजूद में है लेकिन दल के उच्च पदस्थ नेताओं की आपसी खींचतान के चलते उत्तराखंड क्रांति दल जनआकांक्षाओं पर खरा नहीं उतर पाया।
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खट्टर साहिब, 'दंगल' देखने के बाद अब बबिता और गीता को हरियाणा का ब्रांड अम्बेसडर बना दो
पवन कुमार बंसल
कल रात दिली में फिल्म डिवीजन के महादेव रोड स्थित स्पेशल स्क्रीनिंग थिएटर में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, आमिर खान और मीडिया के लोगों ने दंगल फिल्म देखी। फिल्म देखने का मौका इस लेखक को भी मिला। भिवानी जिले के महावीर फोगाट को सलाम जिन्होंने तमाम विपरीत हालात के बाद बेटियों गीता और बबिता को कुश्ती सिखाई और वे इंटरनेशनल लेवल पर मैडल लायीं। फिल्म में खेलो में चल रही राजनीती, स्पोर्ट्स फण्ड में घपलेबाजी और कोचों की टुच्ची हरकतें भी दिखी। मेरीकॉम के बाद यह फिल्म देखी, जिसने दिल को छू लिया. आमिर खान के आग्रह पर खट्टर साहिब ने हरियाणा में फिल्म का टैक्स माफ़ कर दिया। आमिर खान की तो लाटरी लग गयी। अच्छी मार्केटिंग कर ली। अब क्या वे इस फिल्म से होने वाली कमाई को हरियाणा में महिलायों के खेलों को प्रोत्साहन करने के लिए देंगे। शायद नहीं.
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सरोवर नगरी नैनीताल में विंटर कार्निवाल शुरू
नैनीताल : उत्तराखंड समेत तमाम राज्यों की संस्कृति को दर्शाती मनमोहक झांकियों के साथ सरोवर नगरी नैनीताल में विंटर कार्निवाल शुरू हो गया है। उत्तराखंड की वित्त मंत्री डा. इंदिरा हृदयेश, नैनीताल के जिलाधिकारी दीपक रावत और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जन्मेजय खंडूरी ने संयुक्त रूप से फीता काटकर विंटर कार्निवाल 2016 का विधिवत शुभारंभ किया। इस मौके पर नैनीताल की मालरोड में रंगारंग झांकियां निकाली गई। इसमें उत्तराखण्ड के मशहूर छोलिया नृत्य, नन्दाराज जात यात्रा, राजस्थानी डांस, नागा डांस, बग्वाल मेला, ऐपण, झोडा-चांचरी, आर्मी बैण्ड, पीएसी बैण्ड, एसडीआरएफ टीम, कलश यात्रा और अनेक स्कूलों के बैण्डों के साथ वन एवं पर्यावरण को लेकर 27 झांकियों का प्रदर्शन किया गया।
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शहीद बिशन सिंह जर्नलिस्ट अवार्ड आयोजित
नोएडा। 24 दिसंबर 2016 को सन 1857 की स्वतंत्रता लड़ाई में शहीद हुए बिशन सिंह की याद में शहीद बिशन सिंह जर्नलिस्ट अवार्ड का आयोजन किया गया। इस समारोह में चुनाव ओर पत्रकार विषय पर परिचर्चा का आयोजन भी किया गया। इस मौके पर शहर के जाने माने विशिष्ठ गणमान्य लोग मौजूद रहे। इनमें समाजसेवी व कोंग्रेस नेता रघुराज सिंह, फोनरवा अध्यक्ष एनपी सिंह, एनईए अध्यक्ष विपिन मल्हन, समाजवादी पार्टी के नोएडा विधानसभा के प्रत्याशी अशोक समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।
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हाथरस : चुनावी हलचल (2017 विधानसभा उ0प्र0)
हाथरस तीन विधानसभा क्षेत्रों वाला जिला है। 1. सिकंदराराऊ (सामान्य) 2. हाथरस (सुरक्षित) 3. सादाबाद (सामान्य)। वर्तमान में सिकंदराराऊ बसपा के पास है । रामवीर उपाद्याय निर्वाचित ,विधान सभा सदस्य हैं। हाथरस (सुरक्षित) बसपा के पास है । चौधरी गेंदालाल निर्वाचित विधानसभा सदस्य है। सादाबाद (सामान्य) सपा के पास है । देवेंद्र अग्रवाल निर्वाचित विधान सभा सदस्य है। 2017 में चुनावों की चौसर तमाम संदेहों की चादर के नीचे दबी हुई है । कब कौन अपने झंडे डंडे और निष्ठाओं को तिलांजलि दे अपने अतीत को इतिहास में दफन कर देगा , अभी कहना कठिन है।
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26.12.16
सैफ-करीना के ‘तैमूर’ पर काशी में बखेड़ा
शेक्सपियर ने कहा था, ‘नाम में क्या रखा है। गुलाब को चाहे जिस नाम से पुकारो, गुलाब ही रहेगा।’ काशी में इन दिनों इस बात पर वाकयुद्ध चल रहा है कि सैफ-करीना ने अपने बेटे को जालिम ‘तैमूर’ का नाम क्यों दिया? नीचीबाग में चाय की अड़ी पर पंत प्रधान के एक भक्त ने मूड़ी हिलाते हुए शायराना अंदाज में कहा, ‘शायद सैफ-करीना को तैमूर नाम इसलिए पसंद आया हो कि ‘ओमकारा’ के समय दोनों के नैन लड़े थे। फिल्म में सैफ ‘लंगड़ा त्यागी’ थे। क्रूर शासक तैमूर लंग भी लंगड़ा था। कौरव-पांडवों में महाभारत कराने वाला शकुनी मामा भी लंगड़ा था।
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उ.प्र. चुनाव : सपा की रणनीति से विरोधी होंगे चित्त!
नोटबंदी के दौर में जनता ने सबसे ज्यादा नुकसान झेला है तो राजनीति में सबसे ज्यादा अखिलेश ने बाजी मार ली है । आश्चर्यजनक रूप से वे पिछले कुछ महीनों में सपा के दाग और कमियॉं छुपाने में कामयाब हो गये हैं । इसका फायदा अखिलेश को व्यक्तिगत छवि की चमक के रूप मिला है तो पार्टी को भी लाभ पहुॅंचता दिख रहा है । वे चाहें मोदी की कितनी भी बुराई करें लेकिन मार्केंटिंग की कला उन्होनें मोदी से ही बिना बताये सीख ली है । अखबारी पन्नों को समाजवादी रंगों में रंगने वाला सरकारी पैसा खाली नहीं गया । जनयोजनाओं के प्रचार प्रसार के साथ ही अखिलेश की लोकप्रियता को बढ़ाने में यह मीडिया मैनेजमेंट सफल रहा है । विदेशी कम्पनियों को भी पता है कि हिंदी फिल्मों की तरह भारतीय जनता केवल अंत याद रखती है और पुराना भूलकर ताली बजा देती है।
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"नाम से नफरत" आपको मुबारक़, हम तो इंसानियत के पहरुए हैं..
डॉ राकेश पाठक
एक दिन के मासूम के नाम पर कोहराम मचाने पर खाकसार ने कुछ लिखा था। अब कुछ बिंदु पुनश्च....
एक-- प्राचीन इतिहास के युद्ध विजेताओं की तैमूर से तुलना का कोई मनतव्य न था न है न हो सकता है।
इंगित यह किया गया कि सदियों पहले के राज्य विस्तार के लिए हुयी हिंसा के कारण कोई "नाम" हमेशा के लिए दोषी नहीं हो जाता।
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24.12.16
पहाड़, जंगल और मनुष्य : तार-तार हो गए सदियों पुराने रिश्ते...
"पहाड़" शब्द के उच्चारण मात्र से मस्तिष्क में अनायास बर्फ की सफेद चादर से ढके हिमालय, श्रृंखलाबद्ध पहाड़ियों में गहनों की भांति सजे हरे दरख्त ,झरने और कल -कल करती नदियों का चित्र उभर आता है। पेड़ ,पानी और पहाड़ का वजूद एक-दूसरे से गहरे तौर पर जुड़ा है। पहाड़ हैं तो पेड़ हैं और पेड़ हैं तो पानी। ये सब मिलकर पहाड़ को "पहाड़" बनते हैं। इनके बगैर पहाड़, पानी और पर्यावरण की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। इनमें से एक भी पक्ष के कमजोर होने से पूरा पहाड़ बिखर जाता है।
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गजब देश की अजब पार्टियां!
-निरंजन परिहार-
न कभी चुनाव लड़ा, न कोई सदस्य। न ही कोई ठीक ठाक पता और न किसी पदाधिकारी की पहचान। फिर भी हमारे देश में वे राजनीतिक पार्टी के रूप में रजिस्टर्ड। चुनाव आयोग ने ऐसी ढाई सौ से ज्यादा राजनीतिक पार्टियों को अपनी सूची से बाहर निकाल दिया है। लेकिन सिर्फ इतने भर से क्या होगा। इन पार्टियों पर कारवाई भी होनी चाहिए।
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नोटबंदी से छाई मीडिया में मंदी
रायपुर, छत्तीसगढ़ से प्रकाशित 'हमारी सरकार' सांध्य दैनिक में नोटबंदी से मीडिया में मंदी पर वरिष्ठ पत्रकार आर.पी. सिंह का प्रकाशित दमदार आलेख.. पढ़ने के लिए इस न्यूज आर्टकिल पर क्लिक कर दें...
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बिरला के पावर प्लांट के संविदा मजदूरों को मिली जीत
हिण्डालकों रेनू पावर डिवीजन, रेनूसागर, सोनभद्र के संविदा श्रमिकों के सत्यागह आंदोलन में कल भारी जीत हासिल हुई है। कल रात बारह बजे उपश्रमायुक्त सोनभद्र की मौजूदगी में प्रबंधन को पीछे हटकर संविदा श्रमिकों की यूनियन ठेका मजदूर यूनियन के प्रतिनिधियों से न सिर्फ वार्ता करनी पड़ी साथ ही उनकी सभी न्यायोचित मांगों को मानते हुए लिखित समझौता करना पड़ा। गौरतलब है कि इस पावर डीवीजन में 801.5 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है जहां बहुतायत की संख्या में मौजूद संविदा श्रमिकों ने अपनी मेहनत और लगन के बदौलत प्रतिष्ठान केे पीएलएफ को हमेशा सौ प्रतिशत से ज्यादा रखा है। लेकिन इन संविदा श्रमिकों को स्थाई प्रकृति के कामों पर वर्षो एक ही स्थान पर नियोजित किया जाता है और स्थाई श्रमिकों की तुलना में बेहद कम मजदूरी पर काम कराया जाता है।
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ये है जिला ग़ाज़ीपुर
पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिला गाजीपुर के बारे में जानिए....
-एशिया महाद्वीप का सबसे बड़ा गांव- गहमर (गाजीपुर)।
-विश्व का सबसे बड़ा अफीम कारखाना - गाजीपुर ।
-गुप्त साम्राज्य काल का विजय स्तंभ व शिलालेख - भीतरी सैदपुर (गाजीपुर)
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गया में टीचरों ने पत्रकारों पर किया हमला (देखें तस्वीरें)
बिहार के गया से खबर है कि जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल में श्रीलंका के क्रिकेट सनथ जयसूर्या को लेकर आयोजित एक कार्यक्रम में पत्रकारों पर हमला किया गया। यह हमला स्कूल के ही टीचरों ने किया। हमले में हिंदुस्तान अखबार के फोटो जर्नलिस्ट राजेश कुमार का कैमरा टूट गया। साथ ही प्रभात खबर के रोशन कुमार, सनथ मिश्रा को भी चोट पहुंची है। घायल पत्रकारों ने इस बाबत थाने में एफआईआर कराया है.
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तैमूर हम बदलें, अशोक नाम कौन बदलेगा?
कोई क्या सोचता है इस पर न तो कोई टैक्स है, न कोई दिशानिर्देश न ही पाबंदी। सलमान ख़ान, मुख़्तार अब्बास, नर्गिस दत्त आदि को सच्चा मुसलमान मानना या संजय दत्त, करीना या आसाराम जैसों के लिये हिंदु कट्टरपंथी कोई गलतफहमी पाल लें तो उससे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ सकता। इस देश और हमारे समाज की सबसे बड़ी सुंदरता यही है कि अंग्रेज़ों की ग़ुलामी हो या मुग़लों और दीगर मुस्लिम राजाओं का सैंकड़ो साल का शासन या फ़़िर मौजूदा आज़ादी की खुली फ़िज़ाए.. लेकिन न तो हिंदु भाइयों के बग़ैर हिंदोस्तान का सपना पूरा हो सकता है न ही कभी मुसलमान के बग़ैर ख़ूबसूरत भारत की परिकल्पना। हुकमरान, राजा और सियासतदां भले ही भिड़ते रहे... लेकिन समाज और आम आदमी ने न सिर्फ एक दूसरे को पनाह दी बल्कि एक दूसरे के अस्तित्व में अपने अस्तित्व को महसूस किया। जिसका नतीजा है कि आज भी मंदिरों में रफी के भजनों की वजह से मौहम्मद का नाम पहुंचा और कोई भी भारतीय मुस्लिम अपने हिंदु भाइयों के बग़ैर अपने वजूद को साबित नहीं कर सकता।
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व्यवस्था-परिवर्तन और जनमुक्ति का मार्ग सिर्फ़ और सिर्फ़ जन-क्रान्ति से होकर ही जाता है
देश में आज भी ऐसे लोगों की बहुत बड़ी संख्या है जो 1947 में मिली आजादी को केवल सत्ता-हस्तान्तरण और अधूरी आजादी मानते हैं। ऐसे ही समान विचार वाले कुछ व्यक्तियों ने 2006 में दिल्ली से 'तीसरा स्वाधीनता अभियान' शुरू किया। जिनमें डॉ. राकेश रफ़ीक, गोपाल राय (वर्तमान में दिल्ली सरकार में मंत्री), मैं स्वयं व कुछ अन्य साथी शामिल थे। अपने विचारों का व्यापक प्रचार-प्रसार करने व समाज को जोड़ने के निमित्त इस अभियान ने सितंबर, 2007 से 'तीसरा स्वाधीनता स्वर' नामक मासिक पत्रिका का प्रकाशन आरभ किया, जिसके संपादन का दायित्व मुझे सौंपा गया। बाद में इस अभियान से जुड़े प्रो. जगमोहन सिंह (शहीद-ए-आजम भगतसिंह साहब के भांजे) को राष्ट्रीय प्रमुख और ईश्वर चंद्र त्रिपाठी (मप्र. में सर्वोदय व किसान आन्दोलन के प्रमुख कार्यकर्ता) तथा डॉ. शमशेर सिंह बिष्ट (अल्मोड़ा) को इसका राष्ट्रीय संगठक बनाया गया।
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चिंता का विषय ट्रंप नहीं, अमेरिकी प्रभुवर्ग की सोच में आया बदलाव है
एच.एल.दुसाध
टाइम मैगजीन द्वारा 2016 के लिए ’पर्सन ऑफ़ द इयर‘ के खिताब से नवाजे गए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में दोबारा मतगणना में भी जीत हासिल कर अपने विरोधियों को अब पूरी तरह से निराश कर दिया है. विस्कोंसिन,जो डेमोक्रेटिक पार्टी का गढ़ माना जाता रहा है, में दोबारा मतगणना के बाद भी नतीजे उनके ही पक्ष में आये हैं.इसके बाद अब अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे बदलने के प्रयास समाप्त हो गए हैं.दरअसल एक सफलतम बिजनेसमैन, टीवी एंकर और कुछ बेस्ट सेलर किताबों के राइटर से अपना सफ़र आगे बढ़ाते हुए 70 वर्षीय डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति चुनाव जीतकर कब का ह्वाईट हाउस में प्रवेश का अधिकार अर्जित कर चुके हैं, किन्तु अमेरिका में ऐसे ढेरों लोग हैं जो इस पर आज भी विश्वास नहीं करना चाहते. वे उन्हें इतना अपात्र मानते हैं कि यकीन ही नहीं कर पा रहे हैं कि उनके जैसा व्यक्ति अमेरिका का राष्ट्रपति भी बन सकता है. इसीलिए 8 नवम्बर को अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के रूप में ट्रंप का नाम घोषित होने के बाद ऐसे लोग हक्के-बक्के रह गए.
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21.12.16
IWPC celebrates year end party with glamour n glitz
All work n no play?NO WAY!!
On Saturday evening IWPC witnessed an evening of jaunty revelry as lady jurnos got a chance to let their hair down after slogging out at work to celebrate the year end party. It was a special evening like no other as the big names from journo pack bonded over rounds of bubbly wine and scrumptious fare. It was the coolest party with the coolest crowd as members binged on wine, food and gossip. There was a selection of gourmet food, fine wine and a plethora of funfilled activities to up the entertainment quotient. Members enjoyed the wine and cheese as DJ Yogi regaled them with a mix of foot tapping and haunting numbers.
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6.12.16
राम के देश में विभीषण की खोज
नई दिल्ली। रावण ने श्री राम से मृत्यु के पहले एक सच कहा प्रभु आपसे मैं ज्यादा ताकतवर था उसके बाद भी मैं आपसे क्यूं हारा ! सिर्फ इसलिए कि इस युद्ध में जहां एक ओर मेरा भाई (विभिषण) मेरे साथ नहीं था वही दुसरी ओर आपका भाई (लक्ष्मण) आपके साथ था जिसने मेरी सबसे बड़ी कमजोर और सबसी बड़ी ताकत के बारे में आपको एक - एक बात बता दी लेकिन मैं आपकी कमजोर कड़ी और सबसे बड़ी ताकत को जान नहीं सका। मेरा भाई घर का भेदी और कुल द्रोही था जबकि आपका भाई आपकी परछाई। त्रेतायुग सें राम का साथ देने के कारण विभिषण लंका का राजा बनने तथा राजा राम को भरत से भी अधिक प्रिय होने के बाद भी आज तक अपने ऊपर लगे दागो को धो नहीं सका। आज भी विभिषण लंका से लेकर अयोध्या तक कुलद्रोही - घर का भेदी के रूप में ही पहचाने जाने लगा है। उसे एक राजा या मित्र के रूप में न तो लंका में सम्मान मिला न राम के देश भारत में जहां पर आज भी रोम - रोम में राम बसते है।
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LED to be made mandatory in the national off-grid solar programme
· Reflecting industry growth, LED Expo opened doors with higher number of exhibitors than last year
· Over 275 companies from 11 countries partake and 15 products launched at the fair
Supporting the next phase of LED implementation in India, LED Expo – the nation’s foremost exhibition on LED lighting products and technologies closed its doors in the capital last week. Held from 2 – 4 December in the nation’s capital, Over 275 companies from India and 10 countries are showcasing the latest high-quality and price competitive solutions for the Indian market that can be used in the government’s energy-efficient programmes and high-consumption commercial and industrial sectors.
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30.11.16
भास्कर समूह ये कैसी पत्रकारिता कर रहा...
दैनिक भास्कर अखबार का प्रबंधन अपने अखबार का किस कदर दुरुपयोग कर पाठकों के साथ छल कर रहा है, इसका प्रमाण अखबार में छपी ये कुछ खबरें और विज्ञापन हैं... इसे पेड न्यूज कहा जाए या रेवेन्यू के लिए चरम पतन...
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रतन टाटा और साइरस मिस्त्री प्रकरण पर इकोनामिक टाइम्स का अनूठा प्रयोग
इकोनामिक टाइम्स अखबार ने रतन टाटा और साइरस मिस्त्री प्रकरण पर अनोखा प्रयोग किया. जब साइरस मिस्त्री टाटा समूह के चीफ बने तब और जब मिस्त्री हटाए गए तब, दोनों ही घटनाक्रमों के दौरान पहले पन्ने पर लीड हेडिंग को एक ही रखा गया... इसे कहते हैं समझदार प्रयोग...
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उफ्फ! इतना घटिया संपादक...
सुदर्शन न्यूज नामक हिंदी चैनल के मालिक और संपादक की घटिया सोच-मानसिकता देखने के लिए यह स्क्रीनशाट ही काफी है...
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एनडीटीवी पर बैन के खिलाफ 4पीएम अखबार कुछ यूं प्रकाशित किया गया
लखनऊ के चर्चित सांध्य दैनिक 4पीएम के प्रबंधन ने एनडीटीवी पर बैन के खिलाफ एक अनोखा प्रयोग किया.. देखें अखबार के दो पेज...
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अमर सिंह के खिलाफ इससे घटिया पोस्टर नहीं लगाया जा सकता...
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अखबार ने फर्स्ट पेज पर मोदी की फोटो के नीचे कैप्शन में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह लिख दिया
कोलकाता के एक बड़े अखबार हिंदी दैनिक सन्मार्ग के 8 नवंबर के अंक में फर्स्ट पेज पर मोदी के फोटो के नीचे कैप्शन में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह लिख दिया गया. देखें अखबार...
First Page of Sanmarg (8 Nov- issue), Largest circulated daily in Kolkata Captioning PM Modi as Manmaohan Singh with British PM Theresa May
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मस्जिद में घुस गई बस, हुआ बवाल
शाहजहांपुर : एक मस्जिद में मंगलवार को बस घुस जाने से मस्जिद का एक हिस्सा टूट गया गया। जिसके बाद लोगो ने जमकर बवाल काटा। गुस्साए लोगो ने बस पर पथराव कर दिया। बस के शीशे तोड़ दिए इतने भर से जब लोगों का गुस्सा शांत नही हुआ तो गुस्साए लोगों ने बस को आग के हवाले कर दिया। जिसके बाद अफरा-तफरी का माहौल हो गया। जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। ये खबर शहर में आग की तरह फैली तो अफवाहें भी गर्म होने लगी। देखते ही देखते मौके पर हजारों की तादाद में लोग इकट्ठा हो गए और पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को काबू करने की कोशिश की तो स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
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क्या आरएसएस के लोग अछूत हैं?
शिक्षा के भारतीयकरण और मूल्य आधारित शिक्षा के लिए काम करने वाले गिने-चुने लोगों में अतुल कोठारी का नाम बड़े ही आदर के साथ लिया जाता है। श्री कोठारी अदालती कामकाज, चिकित्सा, प्रबंधन, तकनीकी क्षेत्र और सरकारी कामकाज सहित जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में हिंदी और स्थानीय भारतीय भाषाओं के प्रयोग के पक्षधर हैं। भाषा बचाओ आंदोलन, शिक्षा बचाओ आंदोलन, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास और भारतीय भाषा मंच जैसे आन्दोलनों में उनकी अग्रणी भूमिका है। नई शिक्षा नीति, भाषायी संकट, शिक्षा के भगवाकरण जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर उनसे बात-चीत की। पेश हैं बात-चीत के प्रमुख अंश-
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नोटबंदी से लघु उद्योगपतियों और किसानों को सदमा लगा है, इनके कर्ज माफ करें
आदरणीय,
श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदीजी
प्रधानमंत्री ,भारत सरकार
विषय : लघु उद्योगपतियों व किसानों के ऋण माफी हेतु आवेदन।
महोदय,
मैं यह पत्र बतौर देश के सजग एवं ईमानदार नागरिक होने के नाते आपको प्रेषित कर कर रहा हूं। न ही मेरा प्रयोजन निजी हित का है न ही किसी तरह का निम्न राजनीतिक अभिप्राय । देश की भलाई व विकास क लिए आपने दो महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। पहला पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक दूसरा सबसे महत्वपूर्ण फैसला विमुद्रीकरण का । नोटबंदी या वास्तव में कहे तो नोटबदली के इस फैसले का आम नागरिक ने खुले दिल से समर्थन किया है। इस फैसले से दूरगामी स्वर्णिम लाभ देश को होंगे इसमें कोई संदेह नहीं। फिलहाल आपके इस फैसले से दो ऐसे वर्ग हैं जिन्हें वर्तमान में सबसे अधिक कष्ट सहना पड रहा है। पहला वर्ग है लघु उद्योगपति ,दूसरा वर्ग है किसान। ये दोनों ही वर्ग आपके इस फैसले के बाद आपकी ओर सकरात्मक नजरिए से देख रहा है। ये अगर निराश होते हैं तो ये देश के सबसे बडे वर्ग को गहरा सदमा लगेगा।
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कालेधन को लेकर मोदी सरकार के ताजा फैसले पर ' नज्म '
-------- आधा हमारा-आधा तुम्हारा --------
है कालेधन का नियम पुराना
आधा तुम्हारा-आधा हमारा
ये कल्लू जन्मा है जिस गुनाह से
आधा तुम्हारा-आधा हमारा
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कविता : ...और अब वे कहते हैं कहां है जातिवाद आजकल?
क्रांतिकारी बदलाव
...........................
बैलगाड़ी से जाते हुये
उन्होंने मेरे दादा से
गांव की ही बोली में
पूछी थी उनकी "जात"
उन्होंने विनीत भाव से
बता दी.
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25.11.16
रीयल इंडिया मेच्युल बेनेफिट कंपनी की धोखाधड़ी, एजेंट को आत्महत्या से बचाइए...
हमें आप सबकी सहायता से न्याय चाहिए... हम लखनऊ (यूपी) की "रीयल इंडिया मेच्युल बेनेफिट" नामक कंपनी का गुजरात मे काम करते थे पिछले दो साल से। हम निवेशकों के पैसे इस कंपनी मे डेली ओर मंथली एक साल की योजना में लगाते थे। जब हमें पता चला कि कंपनी ने सरकारी टैक्स तक नहीं भरी है तो हमने छानबीन की। छानबीन के जरिए और घोटाले सामने आये कि कंपनी के पास गुजरात सरकार का पंजीकरण भी नहीं था ओर हमें धोखे में रखकर करोड़ों का काम करवाया है।
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नव भारत हिंदी दैनिक समाचार पत्र की दुर्दशा की हकीकत
मध्य प्रदेश भोपाल , इंदौर , जबलपुर , ग्वालियर , सतना , छिंदवाड़ा से नव भारत समाचार पत्र का अन्त एवम पूर्णतः दुर्दशा की हकीकत और कारण... नव भारत की इस दुर्दशा का कारण कोई और नहीं स्वयं आप (इसके संचालक मालिक ) ही हैं , नव भारत समाचार पत्र के पतन के मूल कारण , पारिवारिक आपसी अंतर कलह , मीडिया चलाने का घमंड , अत्याधिक घमंड एवम अकड़ , कर्चारियों पर अविश्वास , कर्मचारियों का अत्याधिक शोषण , कर्चारियों का वेतन न देना , कर्मचारियों का प्रोविडेंट फण्ड जमा न करना , बैंको के लोन हड़पने की नियत , एन बी प्लांटेशन के माध्यम से हड़प्पी इन्वेस्टर की पूंजी के कारण गिरती साख , और रेपुटेशन , सेंकडो चलते कोर्ट केस , आए दिन छपते बैंकों के कुड़की के नोटिस , कर्मचारी सैलरी और प्रोवीडेन ना मिलने से परेशान , मटीरिअल सप्लायर्स उधारी वसूलने से परेशान , कुल मिलकर नव भारत की केवल और केवल फाइल कॉपियां ही छपती हैं.
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नव भारत के कर्मचारियों का शोषण, दुविधा में परिवार! आखिर यह कैसी नौकरी
नव भारत के शोषित कर्मचारी , बेचारे मोहताज़ हैं बेहाल हैं , बच्चे और परिवार वाले इनके पूछते हैं यह कैसी नौकरी है , जहां महीनों वेतन नहीं मिलता , तनखा के नाम पर नव भारत के संचालक कर्मचारियों के टुकड़े में खेरात बांटते हैं , कर्मचारी कोई तीज त्यौहार , होली , दशहरा , दिवाली, ईद नहीं मना पाता ,बच्चों को कपडे नहीं दिला पाता , स्कूल की फीस समय पर जमा नहीं करवा पाता, मकान का किराया जमा नहीं कर पाता , हर महीने मकान मालिक की बातें सुनने को मज़बूर है नव भारत का कर्मचारी ,
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हरियाणा न्यूज से तीन और गए, कांडा ने दिया मैनेजिंग एडिटर को आखिरी मौका
खबर विवादित पूर्व राज्यमंत्री गोपाल कांड के चैनल एसटीवी हरियाणा न्यूज़ से है... बताया जा रहा है हरियाणा न्यूज में इनदिनों सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है एक तरफ जहां चैनल बंद होने की तरफ बढ़ रहा है वहीं कर्मचारियों में रोष बढ़ता जा रहा है... एसोसिएट प्रोड्यूसर पुनीत ने चैनल को बाय बाय कह दिया है...वहीं सीजी हेड धर्मेंद्र यादव ने हिंदी ख़बर ज्वाइंन कर लिया है... इसके अलावा कैमरा मैन सलिल सोनी ने न्यूज़ २४ के साथ नयी पारी शुरू कर दी है...
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अलीगढ़ में खबर से नाराज विधायक ने रिपोर्टर पर कराया मुकदमा
maamla aligarh ka hai. jisme k news ke ek reporter arjun dev varshney ne smajvadi party ke vidhayak zameerullah ko bsp mai shaamil hone ki khabar ko breking news ki tarah chala diya.. mamla jb vidhayak ji samne aaya to vidhayak ne harkat mai aakar patrakaar ke khilaaf mukdma drz kra diya... kitne gair jimmedar hai aligarh ke k news aur nav bharat times jaise akhbbaar mai kaam kr rhe arjun dev varshney ji..
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सुदेश अग्रवाल का चैनल 'खबरें अभी तक' तीसरी बार फिर बंद
हरियाणा में न्यूज़ चैनल जिस स्पीड से आते है उसी स्पीड से बंद हो रहे है।कभी हरियाणा की टीआरपी में नंम्बर 1 पर रहे के डी सिंह का चैनल ए 1 तहलका,नवीन जिंदल का फोकस हरियाणा, आई विटनेस, हरियाणा न्यूज़ पर भी तलवार लटक रही है और तीसरी बार खबरे अभी तक बंद होने से है हज़ारों मीडिया कर्मी बेरोजगार हो गए है।खबरें अभी तक ने तो ऐसा कई बार किया है। 3 महीने पहले ही गुड़गावं के विधायक उमेश अग्रवाल से लेकर सुदेश अग्रवाल ने फिर चैनल शुरू किया था जिसकी जिमेदारी ए 1 तहलका में इनपुट आउटपुट हैड रहे दीपकमल सहारण को चीफ एडिटर के रूप में दी, जिस दौरान चैंनल ने कुछ पकड़ भी बनाई।
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ये बेटियां
यह कहानी है आटी गाँव की, जो राजस्थान के बाड़मेर जिला मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूर पश्चिम में स्थित है। यह कहानी है यहाँ के माध्यमिक विद्यालय में पढ़ने वाली लड़कियों की। यह कहानी है यहाँ की लड़कियों के खेल के प्रति जुनून और उनके जज़्बे की। यह कहानी है सामाजिक धारणाओं के टूटने की, एक सकारात्मक बदलाव की। यह कहानी महज एक कहानी नहीं है, यह है हकीक़त एक ऐसे गाँव की जहाँ कुछ साल पहले बेटियों को स्पोर्ट्स में भेजना तो दूर उन्हें विद्यालय तक भेजना मुनासिब नहीं समझा जाता था। यह कहानी सच है, यह उन माँ-बाप के लिए एक पैगाम है जो इस आधुनिक काल में भी अपनी बेटियों को शिक्षा और खेलों से दूर रखते हैं और उन्हें बोझ समझते हैं। यह उन भाइयों के लिए सच्चाई का आइना है जो यह समझते हैं कि बहनों का सिर्फ घर तक सीमित रहना ही उनका नसीब है।
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तबाही के मुहाने पर हड़प हाउस
गाजियाबाद स्थित नवनिर्मित हज हाउस तबाही के मुहाने पर खड़ा कर दिया गया है। वर्तमान सपा सरकार में मुसलमानों को खुश करने की इतनी जल्दी थी कि हज हाउस को जमीन के नीचे से गुजर रही गेल की गैस पाइप लाइन के ऊपर ही बना दिया गया। यदि कभी तकनीकी खराबी या फिर किसी सिरफिरे की करतूतों के चलते कोई हादसा हुआ तो निश्चित तौर पर बड़ी संख्या में जनहानि से इनकार नहीं किया जा सकता। डूब इलाके में बने हज हाउस में हज यात्रियों की मौजूदगी में यदि दैवीय आपदा ने अपनी ताकत दिखायी तो निश्चित तौर पर जिस वर्ग की खुशी के लिए सरकारी खजाने से तकरीबन 50 करोड़ खर्च कर दिए गए वही तबका समाजवादियों को पानी पी-पीकर कोसता नजर आयेगा। पर्यावरणविदों से लेकर एनजीटी तक यह बात अच्छी तरह से जानता है कि सपा सरकार की जिद के चलते एक वर्ग विशेष को तबाही के मुहाने पर लाने के सारे इंतजाम कर दिए गए हैं लेकिन मुस्लिम वोट बैंक बटोरने की चाहत ने तथाकथित समाजवादियों को इतना अंधा कर दिया है कि उन्हें कुछ नजर ही नहीं आता।
तत्कालीन मुलायम सिंह यादव की सरकार के कार्यकाल में मुस्लिम तुष्टिकरण नीति पर राजनीति का मुलम्मा चढ़ाने की गरज से गाजियाबाद में एक हज हाउस के निर्माण की पटकथा तैयार की गयी। सिंचाई विभाग ने तत्कालीन मुख्यमंत्री के आदेश पर आनन-फानन में योजना को कागजों पर उतार दिया। एनजीटी ने इस योजना का जमकर विरोध किया लेकिन तत्कालीन मुलायम सरकार मुसलमानों की खुश करने की गरज से अपनी जिद पर अड़ी रही। हज हाउस को बनाने का काम रफ्तार पकड़ता इससे पहले ही सूबे से मुलायम सरकार का पत्ता साफ हो गया। बसपा सरकार के कार्यकाल में तत्कालीन मुख्य सचिव ने बन चुके ढांचे को तत्काल प्रभाव से ढहाये जाने के आदेश दिए। जिसे जिम्मेदारी सौंपी गयी वह विभाग कोई न कोई बहाना बनाकर मामले को टालता रहा। एक बार फिर से अखिलेश के नेतृत्व में सपा की सरकार ने सूबे में जीत के झण्डे गाड़े। मौके की तलाश में बैठे आजम खां इस बार किसी कीमत पर चूकने वाले नहीं थे। वैसे भी पार्टी में उन्हें मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति का ठेका मिला हुआ है लिहाजा आजम खां की चाहत को पूरा करने के लिए वर्तमान अखिलेश सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी। अंतत: अनियमितताओं से भरा हज हाउस तनकर खड़ा हो चुका है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव उद्घाटन भी कर चुके हैं लेकिन इसके निर्माण को लेकर शुरू हो चुकी कानूनी जंग अभी-भी जारी है।
अनूप गुप्ता
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24.11.16
तीन तलाक़ 2002 से ही अवैध, फिर 2016 में इसे कौन लाया?
– उवेस सुल्तान खान
कई महीने से सुप्रीम कोर्ट में चल रहे ‘तीन तलाक़’ केस में अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल पाया है, और यह मुद्दा कई तरह के ध्रुवीकरण की वजह बन गया है. दूसरी तरफ़ सोशल मीडिया पर झूठे इलज़ाम के साथ ही अफवाहें फैलाने का सिलसिला जारी है, कि आज फैसला आ रहा है, कल फैसला आ रहा है, या फैसला आ गया है.
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भारतीय रेलवे को वेटिंग टिकिट से अमीर बनाते सुरेश प्रभु
डॉ. मयंक चतुर्वेदी
mayankchaturvedi004@gmail.com
विकास का यह भारतीय रेलवे का गलब का जुनून है, फिर इसके लिए किसी की जेब पर डाका ढालना पड़े तो क्या हर्ज है। यह अजीब नहीं लगता कि आपने रेलवे की वेटिंग टिकिट ली हो, इस प्रत्याशा में कि यह कंफर्म हो जाएगी और हम अपनी यात्रा सुखद तरीके से पूर्ण कर सकेंगे लेकिन इंटरनेट के इस युग में फार्म पर अपना मोबाइल नम्बर दर्ज करने के बाद आपको रेलवे इस बात की भी जानकारी देना उचित न समझे कि आपका टिकिट कंफर्म नहीं हुआ है?
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ज़ाकिर नाइक की संस्था पर प्रतिबंध और मुसलमानों की प्रतिक्रिया
इमामुद्दीन अलीग
डॉक्टर ज़ाकिर नाइक को किस वजह से निशाना बनाया जा रहा है ? ये सभी जानते हैं कि उनका 'जुर्म' केवल "इस्लाम का प्रचार करना" है और इस्लाम का प्रचार भी इतने तर्क, तथ्य और संदर्भ के साथ कि वो साम्प्रदायिक और बातिल ताक़तों के लिए अजेय (यानी नाक़ाबिले शिकस्त) साबित हो रहे थे। उनके पास ज़ाकिर नायक का कोई तोड़ नहीं बचा था सिवाए इसके कि उलटे सीधे आरोप लगा कर उनकी संस्था को बैन कर दिया जाए। इसके इलावा और कोई वजह है किसी के पास? अगर ज़ाकिर नाइक को "इस्लाम का प्रचार करने" के 'जुर्म' में निशाना बनाया जा सकता है तो आप इस्लाम की खातिर उनका साथ क्यों नहीं दे सकते ? अगर ज़ाकिर नायक का साथ देने में आप का मसलक आड़े आ रहा है तो समझ लीजिए कि मसलक ने आप के इस्लाम को क़ैद कर लिया है !
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अलीगढ़ के एसवी कालेज में सांप्रदायिक तत्वों ने की मुस्लिम छात्र की पिटाई
एसएसपी ने दिए कार्यवाही के आदेश...
अलीगढ. एसवी कालेज अलीगढ में बीए प्रथम वर्ष के छात्र राशिद अहमद को कथित छात्र नेता संजू बजाज और हिंदूवादी नेता सत्तो नवमान ने मुस्लिम होने के चलते अपने साथियों सहित लात-घूंसों से पीटने और छात्र का मोबाइल और पर्स छीनने का मामला सामने आया है. पीड़ित छात्र ने एसएसपी को तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई है. गुरूवार को सपा छात्र नेता जियाउर्रहमान और पंडित विशाल गौतम के नेतृत्व में छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल पीड़ित छात्र राशिद अहमद व उसके पिता रईस अहमद के साथ एसएसपी से मिला.
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23.11.16
अब किसानों की लंगोटी पर भी सरकार की नजर
राजाराम त्रिपाठी
भारत जैसी बहुत आंशिक रूप से संयोजित अर्थ व्यवस्था में में जहाँ अर्थ व्यवस्था का जबरदस्त भाग निजी प्रबंधन द्वारा होता रहा है और खुदरा मूल्यों, बाजारों और खेती को महत्व देना अपरिहार्य है या यों कहें की सरकार के गले में खेती के महत्व मानने की मजबूरी भी है वहां "काला धन " तथा भ्रष्टाचार से मुक्ति पाने के लिए विमुद्रीकरण के खतरनाक प्रयोग से किसान को क्या मिलेगा यह विचारणीय प्रश्न है। लोकतंत्र में लिए जा रहे फैसलों या नीतियों के परिवर्धन को शासकों की राजनितिक बाध्यता के पहलू से देखने पर नीति परिवर्तन और नीतियों में अंतर अच्छी तरह समझ में आता है पर वर्तमान परिदृश्य में हमारे भारतीय किसान के लिए तो सब भूल भूलैया ही है। उन्हें इस पूरी कसरत से कोई फायदा मिलता नहीं दीखता बल्कि परेशानी के साथ इस साल की खेती का भविष्य भी अनिश्चय में हो गया है। सीधी सी बात है 500 और 1000 रुपये के नोट बंद कर अगर हम काला धन प्राप्त करने की बात करते हैं तो अर्थव्यवस्था की वर्तमान परिस्थित तथा सामाजिक व्यवस्था साथ ही हमारी नौकरशाही यह गारंटी कहाँ से दे सकती है की दो हजार के नोटों की शक्ल में आगे काला धन नहीं जमा किया जाएगा। इस अर्थव्यवस्था के शीर्षासन के बजाय भरष्टाचार तथा अखाडा धर्म को रोकने के कठोर कानून बनाये जाते एवं उनको कठोरता से लाया जाना बेहतर विकल्प होता और दोषियों को सजा का प्रावधान होता तो शायद काला धन तथा भ्र्ष्टाचार से मुक्ति मिल सकती थी.
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लेबर अफसरों को एचटी ग्रुप ने मैनेज कर लिया है!
खबर है दिल्ली के बड़े अखबार एचटी और हिन्दुस्तान दोनों के मजीठिया न देने के संबंध में। जैसा कि आपको भी पता है कि मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। हिन्दुस्तान ने तमाम झूठे, फरेब भरे कागज, रिपोर्ट तैयार कर लिए हैं। यह तो इस मामले में पहले से ही मजीठिया अभी तक किसी को न देने के हर दांव-पेंच खेलने में माहिर है ही, उससे भी बड़ दुख और हैरानी की बात यह है कि इसने दिल्ली के डिप्टी लेबर कमिश्नर तथा कमिश्नर तथा नोएडा के डिप्टी लेबर कमिश्नर, कमिश्नर दोनों को अपने पैसे और दबदबे के दम पर अपने हिसाब से मैनेज कर लिया है।
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मजीठिया वेतनमान: काश! कोर्ट से पूछने का अधिकार होता तो पूछता कि...
...आपको यह न्यायालय के अवमानना का मामला क्यों नहीं लगता?
पत्रकारों को मजीठिया वेतनमान दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने भले ही कई कदम उठाए हैं लेकिन प्रेस मालिकों पर इसका तनिक भी भय नहीं है। अधिकांश पत्रकार आज भी मजीठिया वेतनमान के लिए तरस रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में दो साल से न्यायालय अवमानना का प्रकरण सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। इस संबंध में यदि आम नागरिक को कोर्ट से सवाल पूछने का अधिकार होता है तो कोर्ट से पूछा जाता कि आपको यह न्यायालय अवमानना का मामला क्यों नहीं लगता? जब कुछ प्रेस मालिकों ने यह जवाब नहीं दिया कि हम मजीठिया वेतनमान दे रहे हैं या नहीं। हजारों पत्रकारों ने न्यायालय में प्रकरण दर्ज कराया कि हमें मजीठिया वेतनमान नहीं मिल रहा है। जब पीडि़त सुप्रीम कोर्ट में प्रमाण प्रस्तुत कर रहा है फिर सुप्रीम कोर्ट को ऐसा क्यों नहीं लगता कि यहां न्यायालय अवमानना का मामला बनता है?
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जौनपुर के निकम्मे और घूसखोर ARTO की कारस्तानी-कहानी
जौनपुर के निकम्मे और लापरवाह ARTO ऑफिस की करतूतों से आम जनमानस को वाकिफ कराना जरूरी हो गया है। जिला प्रशाशन कुम्भकर्णी निद्रा से नहीं जागा। अभी तक हमें हमारा ड्राइविंग लाइसेंस नहीं मिल सका है। जिलाधिकारी से फोन पर बात करने पर उनके द्वारा आश्वाशन मिलने के बाद आज बीसवीं बार ARTO दफ्तर गया। जहाँ से बेरंग लौटना पड़ा। दोपहर 12:30 तक ARTO और उनके रसूखदार बाबू दोनों दफ्तर में नही आये थे।
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यूपी के पुलिस अफसरों से सवाल, एचएमवीएल के लोगों के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं ?
मैंने यूपी पुलिस के सभी जिम्मेवार अफसरों से सवाल किया है कि एचएमवीएल कंपनी के लोगों के आपराधिक कारनामे पर कार्यवाही क्यों नहीं हुई ? इस क्यों का जवाब मेरे पास भी है, लेकिन जवाब उनसे सुनना ज्यादा अच्छा लगेगा। इस कंपनी के प्रभाव का आंकलन करने के लिये अफसरों को ट्विट की गई और आपसे साझा की जा रही एक प्रेस क्लिप ही काफी है। इस क्लिप में कंपनी के अखबार के नाच-गाने के कार्यक्रम का लुत्फ उठाने के बाद सम्मानित अफसरों ने खुले कंठ से आयोजन की तारीफ की है। साबित है कि पुलिस, कंपनी के रसूख के सामने सरेंडर कर चुकी है। और जिनके लोगों के खिलाफ कार्यवाही करनी चाहिये, पुलिस उनके साथ बैठ कर रंगारंग कार्यक्रम का आनंद ले रही है।
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वरिष्ठ पत्रकार मार्क टुली से मनोज अलीगढ़ी की यादगार मुलाकात
अमुवि के गेस्ट हाउस नं. 3 में वरिष्ठ पत्रकार मार्क टुली से मुलाकात करते फोटो जर्नलिस्ट मनोज अलीगढ़ी एवं अन्य। फोटोः दिवाकर राघव
अलीगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में शामिल होने आये वरिष्ठ पत्रकार मार्क टुली से गेस्ट हाउस नं. 3 में फोटो जर्नलिस्ट मनोज अलीगढ़ी ने मुलाकात की और उनसे अनुभव साझा किये। वरिष्ठ पत्रकार मार्क टुली ने कहा कि मनोज अलीगढ़ी के फोटो जो विभिन्न समाचार पत्रों में छपते हैं, उन्हें मैं देखता हूं। उन्होंने कहा कि फोटोग्राफर मौके पर जाकर फोटो खींचते हैं इसलिए उनका कार्य चुनौतीपूर्ण होता है।
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मजीठिया वेतनमान: खाता नहीं अधिकार भी सीज कराने से बनेगी बात
मजीठिया वेतनमान और अपने अधिकारों को लेकर आज लगभग हर पत्रकार जागरुक हो गया है। जब जरूरत है एकता की। सवाल यह उठता है कि नौकरी सुरक्षित रखने के साथ ही कैसे अपना हक पाए? इसके लिए मालिकों के खते नहीं बल्कि अधिकार सीज कराने की जरूरत है।
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डीडी स्पोर्ट्स के कुछ भ्रष्ट अफसरों का बाल बांका तक नहीं होता
बीजेपी सरकार अपने सरकारी चैनलों का हाल तो देख ले. करप्शन दूरदर्शन के चैनलों में जड़ तक पहुंच चुका है. सरकारी पैसों का लगातार दुरुपयोग हो रहा है. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यवर्धन सिंह राठौर, वैंकय नायूडू जैसे नेताओं ने आंख बंद कर रखी है. डीडी स्पोर्ट्स में हो रहे हैं करोड़ों के घाल मेल. नेता से लेकर अधिकारी तक सब चुप.
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अपनी ही ज़मीन को भूली सरकार, बाड़ ही खा रही खेत
प्रशासनिक लापरवाही से राज्य सरकार को करोड़ो का नुकसान
हेमन्त जैमन
अलवर : बचपन में यह कहावत सुनी थी कि बाड़ (वृहत हिंदी शब्दकोष के अनुसार बाड़ का अर्थ है, फसल की रक्षा के लिए बनाया हुआ कांटे, बांस आदि का घेरा) इसलिए होता है कि वह खेत की सुरक्षा करे| खेत की फसल को बरबाद न होने दे पर, जब सुरक्षा के लिए बनी चीज ही बरबाद करने पर तुल जाये तो? यही हाल होता है, जो आज अलवर का हो रहा है| अलवर जिले की सरकारी ज़मीनो को बचाने का दायित्व किसका है? किन पर है? नौकरशाही, अधिकारी वगैरह का ही न, पर अलवर में हो क्या रहा है?Posted by यशवंत सिंह yashwant singh 0 comments
सासाराम में पत्रकार ही हत्या के विरोध में कैंडल मार्च
बरबीघा में कैंडल मार्च निकाल आक्रोश व्यक्त करते पत्रकार व अन्य।
बरबीघा। बरबीघा में पत्रकारों एवं युवाओं ने कैंडल मार्च निकाल कर सासाराम में पत्रकार धर्मेंद्र सिंह की हुए हत्या पे आक्रोश जताया। पत्रकारों ने सरकार से सुरक्षा और पचास लाख कीमुआवजा की मांग की। कैंडल मार्च ऐतिहासिक झंडा चौक से निकल कर लाला बाबु चौक (थाना चौक) पे समाप्त हुआ।
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जिला जज शपथ पत्र दाखिल कर बताएं कोर्ट की भाषा हिंदी क्यों नहीं : हाईकोर्ट
वकील उमेश शर्मा ने हाईकोर्ट को बताया अधीनस्थ न्यायालयों की भाषा अगर हिंदी है तो फिर क्लर्क की भर्ती हिंदी भाषी होकर अंग्रेजी भाषा क्यों हो रही है? दिल्ली के अधीनस्थ न्यायालयों में कोर्ट की भाषा हिंदी बने। इस जनहित याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में शनिवार को सुनवाई हुई। मुख्य न्यायधीश जी रोहिणी और संगीता ढींगरा की खंड पीठ ने अतुल कोठारी की याचिका स्वीकारते हुए दिल्ली के प्रिंसिपल डिस्ट्रिक जज से 14 दिसंबर से इस मसले पर शपथ पत्र देकर स्पष्टीकरण मांगा है।
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क्यों जरुरी है लाला जी को कानपुर की श्रद्धांजलि
राकेश मिश्र
भारतीय लोकतंत्र आज एक संक्रमणकाल से गुजर रहा है| यह पता नहीं कि देश की राजनीति का ऊँट किस करवट बैठेगा| इस दुविधा के दौर में अतीत अतीत को समाधान खोजने की नजर से देखने की जरुरत है| यह संक्रमणकाल लाल बाल पाल समेत तमाम महापुरुषों के भारतीय स्वाधीनता संग्राम में योगदान को याद करने का समय है| क्या करें और क्या न करें इसकी फिक्र नहीं, लेकिन दिखावे का दौर है| ऐसे में लाल-बाल-पाल सरीखे आधुनिक भारत के उषाकाल के ऋषियों के जीवन और कामों को याद न किया जाना देश के लिए बेईमानी होगी| लाला लाजपत राय की 88वीं पुण्यतिथि पर हम कानपुर के लोग लालाजी को कानपुर की श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ साथ आज के दौर में उनके कार्यों की प्रासंगिकता का भी मूल्यांकन कर रहे हैं|
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रमेश चंद्र अग्रवाल से प्रेरित होकर बहुत से बिजनेसमैन पत्रकारिता में आए, उन्हें पत्रकारिता से कोई लेना-देना नहीं
सत्ता और आर्थिक क्षेत्र की बड़ी हस्तियों में मीडिया से सिर्फ भास्कर समूह!
इंदौर में महँगी इश्तिहारबाजी और धूम धड़ाके के साथ आयोजित की गई इन्वेस्टर्स समिट के पहले दिन दोपहर भोज का फोटो दैनिक भास्कर ने छापा है. फोटो का शीर्षक है –पावरफुल लंच:सत्ता और आर्थिक क्षेत्र की बड़ी हस्तियाँ एक टेबल पर. हिंदुजा ब्रदर्स, बाबा रामदेव, दैनिक भास्कर के मालिक रमेश अग्रवाल और अनजाने से नटपुरी के अलावा टेबल पर जेटली, शिवराजसिंह चौहान और रविशंकर प्रसाद नजर ही आ रहे थे. भास्कर सेठ की मौजूदगी से मन में सवाल कौंधा की अख़बार जगत की तरफ से अकेले वो ही क्यों..? वैसे सब जानते हैं की अग्रवाल साहब अब सिर्फ अख़बार मालिक नहीं रहे बल्कि कामयाब उद्योगपति भी हैं. वो तेल उधोग, एनर्जी सेक्टर, रियल स्टेट और नमक निर्माण के साथ सितारा स्कूल भी चला रहे हैं. फिर उनका परिचय कामयाब उद्योगपति के बजाय भास्कर समूह के चेयरमेन के नाते क्यों दिया गया..? शायद इसलिए क्योंकि मीडिया अब पत्रकारिता नहीं महज धंधा बन कर रह गया है.
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आज भी प्रासंगिक हैं महर्षि दयानंद
स्वामी अग्निवेश
महानिर्वाण दिवस 30 अक्टूबर पर विशेष
महर्षि दयानंद सरस्वती ने अपने विलक्षण व्यक्तित्व एवं कृतित्व से उन्नीसवीं सदी के पराधीन और जर्जरित भारत को गहराई तक झकझोरा था। उसका प्रभाव हम इक्कसवीं सदी में भी महसूस कर रहे हैं और उनसे प्रेरणा पाकर उन सामाजिक कुरीतियों, धार्मिक, अंधविश्वासों से लोहा ले रहे हैं जो दीमक बनकर समाज व धर्म को भीतर ही भीतर खोखला कर रहे हैं। सामाजिक, धार्मिक, शैक्षिक, आर्थिक, राजनीतिक, दार्शनिक और आध्यात्मिक जगत की व्याधियों, दुर्बलताओं तथा त्रुटियों का तलस्पर्श अध्ययन ऋषिवर ने किया था, अत: रोग के अनुसार ही उन्होंने उपचार किया। तब तक ऐसा सर्वांगीण प्रयास किसी भी समकालीन सुधारक से न हो सका था, यद्यपि सुधार के नाम पर विविध क्षेत्रों में बहुत कुछ हो भी रहा था। समग्र क्रांति के पुरोधा के रूप में ऋषिवर ने मुनष्य व समाज के सर्वांगीण विकास तथा कायाकल्प के लिए जो आदर्श जीवन मार्ग दिखाया वह वस्तुत: विश्व इतिहास की अनमोल निधि के रूप में शताब्दियों तक देखा जाएगा। यही कारण है कि दयानंद बिंदु से विराट और बूंद से सागर बनते जा रहे हैं।
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पीटीआई फेडरेशन के नेता एमएस यादव के करप्शन की कहानी
Proof of corruption by Federation of PTI Employees General Secretary MS Yadav and others.
by Kundan Kumarपीटीआई फेडरेशन के सर्वोच्च नेता एमएस यादव ने फेडरेशन के संविधान को दरकिनार करते हुए एक छुटभैये नेता सुनील सहगल के नाम पर वर्ष 2011 में फेडरेशन फंड के पैसे से जमीन खरीद लिया. वर्ष 2016 में इस प्लाट को यादव ने अपने पुत्र अमित यादव और एक अन्य के नाम बेच दिया.
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