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20.8.10

उत्तराखंड, राज्यमंत्री के बेटे की ओछी दादागिरी....राम विशाल देव, एक मुहीम 09897464172

 वो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् का पदाधिकारी है ,वो एक दर्जा प्राप्त मंत्री का बेटा है ,वो रातों को उत्तराखंड सरकार लिखी गाड़ी में घूमता है ,गाड़ी में जब वो सवार होता है तो उसकी कमीज के सभी बटन खुले होते है और जब उससे पूछा जाता है कि वो किस हसियत से उत्तराखंड सरकार लिखवाकर गाड़ी में सफ़र कर रहा है तो वो पहले तो बड़ी वेशर्मी से गाड़ी में सफ़र किये जाने से ही मना कर देता है मगर जब उसको लगता है कि अब झूठ बोलने से काम नहीं चलेगा तो बड़ी ही निर्लज्जता से कहता है कि यह गाड़ी तो डाक्टर विनोद आर्य की है जो उत्तराखंड राज्य में दर्जा प्राप्त मंत्री है जो माटी कला बोर्ड के उपाध्यक्ष है और वो उनका बेटा है और उसका नाम पुलकित आर्य है |वो तो यह तक कहता है कि क्या वो अपने पिता के साथ गाड़ी में नहीं घूम सकता है मगर साथ ही स्वीकार भी करता है कि उसके साथ उसके पिता नहीं है और वो यहाँ पर एक झगड़े का निपटारा करवाने आया है |जी हा यही हकीकत है उत्तराखंड राज्य की जहा पर राज्य के दर्जा प्राप्त मंत्रिओं के साथ ही उनके रिश्तेदार भी मत्री होने की खुमार में जी रहे है |
 दरअसल   हुआ यह कि हरिद्वार के ऋषिकुल आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में छात्रों के दो गुटों में झगडा हो गया |इसमें एक गुट ए बी वी पी  का था और यह गुट हॉस्टल में घुसकर मारपीट करने के लिए आया था |और इसका नेत्रत्व एक सफ़ेद रंग की सफारी कार कर रही थी जिसका नंबर U K O8 P-O212 था और उसपर उत्तराखंड सरकार लिखा हुआ था साथ ही उसपर वी आई पी (विप) भी लिखा हुआ था और इसमें सवार थे उत्तराखंड सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री डाक्टर विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य |पुलकित आर्य जब गाड़ी से उतरे तब उनकी कमीज के सभी बटन खुले हुए थे जैसे उन्होंने किसी मारपीट में भाग लिया हो |पुलकित का कहना है कि कमीज के बटन तो गर्मी के चलते खुले हुए है जबकि हरिद्वार में लगातार हो रही बरसात के चलते ठण्ड हो रही थी | पुलकित का कहना है कि वे यहाँ पर झगड़े की बजह से आये है |
                         पुलकित वेसे तो कह रहे है कि वे झगड़े की बजह से ऋषिकुल आये है मगर वे सम्झोइता करवाने नहीं बल्कि वे तो ABVP की बकालत करने के लिए आये थे |मगर कोतवाली पहुचने पर जब उनका उत्तराखंड सरकार लिखा गाड़ी में घूमने का खुलासा हुआ तब इनका स्वर ही बदल गया वे कहने लगे कि वे तो समझोता करवाने आये है |बाद में वे अपनी खीज मिटने के लिए बगले झाकने लगे ,फिर मीडिया वालो को ही  समझाने लगे और फिर पूरे रौब से बोले की उनके पिता मंत्री है और यह गाड़ी उन्ही कि है और क्या वे अपने पिता के साथ उनकी गाड़ी में  नहीं घूम सकते है |मगर साथ ही मानते है कि सरकार लिखवाकर घूमने का उनको कोई अधिकार नहीं है इसीलिए वे बार बार यही कहते  है कि वे तो इस गाड़ी में सवार ही नहीं है फिर क्या इस गाड़ी को पर लग गए थे जो बिना किसी के हरिद्वार कोतवाली तक पहुच गयी | 
ऋषिकुल के जिस छात्र के साथ इन्होने मारपीट की अगर उस छात्र की माने तो  ABVP के  छात्र उसके साथ मारपीट करने आये थे और मंत्री जी का बेटा भी उनके साथ ही आया था |छात्र  कहता है कि उसको अपनी जान का खतरा है और उसके साथ कही भी कुछ हो सकता है | 
उत्तराखंड राज्य को बने अभी १० वर्ष ही हुए है मगर यह राज्य अपने जन्म के साथ ही लाल बत्ती को लेकर विवादों में है |लाल बत्ती धारी मंत्रिओं और दर्जा प्राप्त मंत्रियो के चलते समय समय पर सरकारों की फजीहत भी होती रही है और इन मंत्रिओं के सह्जादो द्वारा अपने पिता के रुतबे  को भुनाने के किस्से तो यहाँ  पर अब आम ही हो चले है |अब देखना होगा कि क्या यहाँ की सरकार दर्जाधारी मंत्रियो और उनके सह्जादो की गतिविधियों पर अंकुश लगने के लिए कोई कदम उठाएगी |
राम विशाल देव , एक मुहीम , हरिद्वार 
 

1 comment:

Anonymous said...

mantri ho ya santri sabhi khumar me hain vishal bhai.... aap jase log jahan bhi mile inhe aaina dikhao.....