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19.1.08

EXCLUSIVE..भगत सिंह तो पैदा हो लेकिन पडोसी के घर पे..

रात के बारह बज रहे है .......मेरा मन शांत नही है ...,शायद मैं बहुत ज्यादा हताश हू ......चिंताओं के लकीरे अचानक और गहरी होने लगी है आप/">आप ,मैं और मेरा हिंदुस्तान ------कल ब्लोग लिखा ............ना सिर्फ देश बल्कि पूरे विश्व का नामी -गिरामी चैनल ------सबसे तेज़ हां यही था उसका नाम ...कुछ इसी तरीके का .....तो मैंने ब्लोग लिखा ....बहुत दिनों बाद लिखने का मन किया शायद कुछ देखा था मैंने ----की जनता को पागल किस आधार पर बनाया जाता है --बिना सोचे समझे न्यूज़ कैसे ब्रेक की जाती है ----पायल की घटना को आत्मसम्मान से जोड़ना हो या फिर पत्रकारिता पे हमला सब कुछ चला उस दिन -----
अगले दिन पता चला सब कुछ नकली था ,,,सब कुछ ,,,,जी हा ? जनाब नकली पत्रकारिता
मैंने सब कुछ लिखा --आपके ब्लोग्स पर -सोचा यह तो कुछ होगा -उम्मीद कर raha था की लोगो को ख़ुशी होगी -----मीडिया जगत मे apnaa ब्लोग्स का नाम सुपर था ....सोचा बुदीजीवी वर्ग पड़ेगा ......लेकिन कभी ना सोची थी की आलोचना करने वाले इतने ज्यादा होंगे ---उन लोगो के तर्क तो सुनिए-----हमारा मकसद क्रांति नही है ........बैर मत करो .....भोपाल से फोन आया -सोच कर करो
निष्कर्ष क्या निकला -- सोचा अब निष्कर्ष निकालू लेकिन तब तक आँखे बहुत गीली हो चुकी थी -शायद hatashaa badh चुकी थी - -सच कहा था जनसत्ता मे एक सज्ज्जन ने पत्रकारिता हिन्दुस्तान मे किसी हालत मे नही -----जो हालत जनसत्ता की है वो तुम्हारी हो जायेगी ---ध्यान रखना हर किसी के पास विवेक गोइयंका जितना पैसा नही होता जो पत्रकारिता के लिए खर्च कर सके ........................


भारत रत्न के लिए किसी पत्रकार का नाम क्यों नही ?

क्या पत्रकारिता जगत इस पर शांत रहेगा ?


कुछ ब्लोगरो ने लिखा कि हमारा मकसद क्रांति करना नही बल्कि अपनी भावनाओ को बताना है शायद वो पीक पत्रकारिता मे विश्वास रखते है NDTV ने तो कस्बा ,मोहल्ला पर रोक लगा दी है यह उन लोगो की jeet hai जो किसी ना किसी रूप मे ब्लोगों कि राह रुकावट उत्पन्न करते है .....अगर इन ब्लोगों पर रोक लगी तो हमारा भी वही हाल होगा जो प्रिंट का हो रहा है ......मैं उन्ही लोगो से ये सवाल करता हू कि क्या अपनी vichaardhara को जनता तक samppreshit करना गलत है ......chaatukaaritaa ब्लोगों पर भी होती ये 1st time पता चला .................क्यों ब्लोगरो ? क्या मैं theek हू ........
क्या राजनीति और चाटुकारिता इस देश मे इस कदर हावी है कि ब्लोग्स भी इससे अलग नही रह गई ............क्यों ना आगे आये hum ?






जरा याद करो उन पत्रकारों को जो चले गए सिर्फ खबरों के लिए ?हम सबका
एक सलाम उन सबके नांम ..................उनकी शहादत के नाम
आख़िर क्यों नही है हमारी बिरादरी भारत रत्न की लिस्ट में ?
क्या आप के पास है इन सवालो के जवाब .........................तो दीजिये अपनी जवाब

2 comments:

Dr Parveen Chopra said...

दोस्त, उन महान आत्माओं को याद भी करें और थोड़ा आंखें नम भी होने दें। आप ने बिलकुल सही मुद्दे के तारे झनझनाये हैं।

Ashish Maharishi said...

गंदा है पर धंधा है