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1.3.08

कौन हैं ये लोग और अभी तक क्‍यों हैं

अविनाश, इरफान और प्रमोद सिंह - कौन हैं ये लोग और अभी तक क्‍यों हैं ?

3 comments:

यशवंत सिंह yashwant singh said...

दद्दा, ये तीनों लोग घर परिवार वाले हैं लेकिन इन्हें दूसरों के घर में घुसकर उंगली करने का रोग है। सो, उसी रोग के चलते भड़ास में उंगली करने चले आए। अब यही उंगलियां उनके में घुसा दिया गया है। एक ने उंगली घुसने के बाद अपने घर से कूड़ा कबाड़ा साफ करना शुरू कर दिया, दूसरा बौखलाकर बिलो द बेल्ट प्रहार करना शुरू कर दिया है अनाम नाम से, तीसरा शामिल बाजा है और जहां भी बैंड पार्टी सट्टा लिखाकर कथित वैचारिक हिप्पोक्रेसी का बाजा बजाने जाती है वहां अपनी पिपहिरी निकालकर पें पें पें पें करने लगते हैं। तो ये है तीनों की पहचान।

आपके इस एक लाइन से हम सबको काफी भरोसा मिला है।

जय भड़ास
यशवंत

Manjit Thakur said...

अविनाश बहुधा बौद्धिकता का वितंडा खड़ा करते हैं। उनके लिहाज से महज स्त्री विमर्श और दलितों पर बात करना ही लोगों को बौद्धिक बनाता है। अन्य सभी लोग तो बस यूं ही हैं।

आलोक सिंह रघुंवंशी said...

bhai sahab bhadas ke ane ke baad inke blog band jaisi sthiti mein aa gayi. iske baad inki ye sochi-samajhi chaal hai. jinki hum log charon taraf se hamala bolkar fad denge.
jai bhadas
alok raghuvanshi