भाई-भैन लोग ,अबी अपुन अक्खा भड़ासी लोक कूं एक बात गपचुप में बता रएला है ,वो क्या अपने ग्रीन लाइट पंडित जी हैं न,अरे यार तुम लोग बी बस एकदम बुच्च माइंड टाइप के लोग है अरे ग्रीन लाइट पंडित जी बोले तो पंडित हरे प्रकाश उपाध्याय ,उन्नों धीरे धीरे यशवंत दादा को कान में एकदम हल्लू से मालुम क्या प्रवचन दिये कि अबी जब अपना अगरीगटर बनाने का है इच तो क्या करने का अपने भड़ासी भाई-भैन लोग का अपना अपना जो कोना कोपचा है न हफ़्ते में एक बार चिपचाप डा.भाई को आला-बीला लेकर मस्त घुसा देने का और जो भी पोस्ट झकास और धांसू सी मिली न, तो उसे डकैती डाल कर उठा लाने का और भड़ास में चिटका डालने का । ऐसे हल्लू-हल्लू अपना साला एकदम फ़ुल्टू रापचिक टाइमपास अगरीगटर बन जाएंगा अपुन को किसी दूसरे के गटर में कांय कू मूं मारने का ? तो अबी भाई-भैन लोक तुम सब ऐसा फालतू फालतू पोस्ट लिखने का अपने-अपने कोपचे कोने में कि साला भंकस माल में भी कमपिटीशन हो जावे कि कौन कितना बड़ा पांडु है । अबी अपुन तुमारे कोपचे की खिड़्की से झांक रएला है और एकाधा दिन कूद के आएंगा और कुछ भी लेकर भड़ास पर चिटकाएंगा । अबी तुम लोग होळी खेलने का तैयारी करने का और मस्त किच्चड़-विच्चड़ पका कर रखने का ,साला कोई भी जास्ती त्रास दिया तो उसमें घुसा डालने का चार दिन पैले से ही । अबी अपुन जा रएला बाप पन कल परत आएंगा... क्या समझा भिड़ू ?????
बोले तो क्या...
जय जय भड़ास
18.3.08
अपना अपना जो कोना कोपचा है न????
Posted by डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava)
Labels: अगरीगटर, भड़ास, यशवंत, हरे प्रकाश
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1 comment:
DOCTOR SIR...HILLAA DIYE HO .AB LAGTAA HAI HAM BHIDU LOGON KO HI AGGREATER SEVAA SHURU KARNAA HOGAA.
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