(भड़ासियों के डाक्टर और आयुर्वेद के मास्टर मुंबई के डाक्टर रूपेश श्रीवास्तव के जनहिताय मेडिकल एडवाइजरी ब्लाग पर जाकर मैंने उनसे खुद के बारे में एक संभावित रोग के बारे में पूछा तो डाक्टर साहब ने बिना देर किये जो मुझे इलाज बताए वो इस तरह है.....यशवंत)
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डा.साहब, शायद change of water या ऐसे ही किसी संभावित कारण से मुझे ऐसा लग रहा है कि कहीं मुझे पीलिया तो नहीं हो गया है क्योंकि मूत्र का रंग एकदम पीला आ रहा है। मैं कभी-कभी शराब का सेवन कर लेता हूं और मांसाहार भी करता हूं। मेरी नौकरी के कारण मुझे अकसर टूर पर रहना पड़ता है। उपाय बताएं।
यशवंत सिंह,दिल्ली
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भाईसाहब, आपने जो संभावना बतायी है उस आधार पर और आपसे फोन पर जो बाते हुईं है बहुत संभव है कि आपको पीलिया की शुरूआत है। इसे अगर नजरअंदाज करा तो संभव है कि बीमारी गंभीर रूप ले ले। कुछ उपचार लिख रहा हूं अविलंब ले लीजिये---
१ . नवायस लौह ३-३ रत्ती दिन में दो बार मट्ठे या शहद के साथ लें।
२ . पुनर्नवादि मंडूर की १-१ गोली दिन में तीन बार मट्ठे या गो मूत्र के साथ लें।
३ . लोहासव २-२ चम्मच सुबह शाम बराबर मात्रा जल के साथ लें।
अगर ये शास्त्रोक्त औषधियां न मिल सकें तो एक सफेद फिटकरी को तवे पर भून लीजिये ध्यान रहे कि जलने न पाए, फिर दो ग्राम भुनी हुई फिटकरी को २० ग्राम दही के साथ लीजिये अथवा कलमी शोरा १० ग्राम और ५० ग्राम मिश्री(खड़ी शक्कर) बारीक पीस लें ये मिश्रण ३-३ ग्राम जल से लीजिये। अगर ये कुछ भी न मिले तो मूली के हरे पत्तों शक्कर मिला कर मीठा कर लें और दिन में इसी तरह बनाया रस २-२ कप तीन बार पियें। आपकी बीमारी गायब हो गयी आपको दो-चार दिनों में ही समझ आ जाएगा।
-डा. रूपेश श्रीवास्तव
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(साभारः आयुषवेद)
((आप भी अपनी किसी दिक्कत, समस्या, परेशानी, बीमारी के बारे में बिना साइडइफेक्ट वाली आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज चाहते हैं तो डाक्टर रूपेश श्रीवास्तव के आयुषवेद ब्लाग पर पहुंचे। यूआरएल है http://aayushved.blogspot.com))
13.4.08
कहीं मुझे पीलिया तो नहीं हो गया?
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