इधर कई दिनों से कुछ ज्यादा ही परेशान रहा.यों परेशान तो हमेशा ही रहता हूं. परेशानियों के बीच पैदा हुआ हूं.इसलिए परेशान रहना कुछ हद तक अच्छा भी लगता है.भडास पर अपलेख लिखकर कई मित्रों की अपेक्षाएं पूरी करना चाहता था.कई मित्रों को धन्यवाद देना चाहता था. लेकिन करुणाकर के बारे में पढ़कर अपने भगवान सूर्य (वे ऐसे भगवान हैं जो दिखाई पड़ते हैं) से निवेदन करने के अतिरिक्त कुछ सूझ ही नहीं रहा था.लेकिन भला हो डा.रूपेश का जिनके आलेख ने, जिनके शब्दों ने, मेरी व्यथा को क्षण भर में दूर कर दिया.यशवंत भाई,हालांकि मैं अपने को सुझाव देने लायक नहीं समझता ,बावजूद इसके मेरा अनुरोध है कि करुणाकर की चिकित्सा के लिए हम भड़ासी एक फंड बनाएं.आखिर डा.रूपेश के पास मुंबई आने जाने,इलाज व रहने खाने में भी तो काफी खर्च आएगा.कृपया मेरे अनुरोध पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर अनुग्रहीत करने की कृपा करें.उम्मीद है कि नाउम्मीदी नहीं होगी.जय भड़ास.
जगदीश त्रिपाठी
28.6.08
अनुरोधः करूणाकर के लिए फंड बनाएं
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1 comment:
जगदीश भाई,विचार तो उत्तम है लेकिन हममे से अधिकांश तो भुख्खड़ मुरादाबादी हैं यार,आप सोचिये कि ऐसी ही अपील मैंने जस्टिस आनंद सिंह के भाई के लिए भी करी थी पर अगर दिल में ठान लिया जाए तो सब हो सकता है। अपने पास मुंबई में ठहरने की कोई समस्या नही है ये तो यशवंत दादा जानते हैं जो है उसे हम सब मिल बांट कर निपटा सकते हैं बस इरादा और हौसला हो तो ईश्वर भी संग में आकर काम में हाथ बटाने लगता है....
जय जय भड़ास
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