हमारे देश का दुर्भाग्य कहे या फिर देश की नियती जैसे हम ईन राजनेताओ के बंधुआ गुलाम है जब जो चाहे वैसा बयान दे कर चला जाता है और हम उसके पीछे भेड की तरह दौडते चले जाते है| हमारे गृह मंत्री जी को ही देख लीजिये, हम मानते है महोदय की किसी का कपडा बदलना उसका अपना नीजी मामला होता है लेकिन ईसके साथ ही आप ईस बात से भी ईन्कार नही कर सकते की आप देश के सबसे असफल गृहमंत्री है| शायद अभी काश्मीर की आग आपने बुझाई भी नही थी की उडीसा मे पिकनीक मनाने पहुच गये और फिर अचानक दिल्ली से बुलावा आ गया| आखिर आप कर क्या रहे है क्या आप उनलोगो को बताने का कष्ट करेंगे जो आपके कपडो के पीछे पडे है|
शायद आपको ये नही पता के किसी भी राज्य को धारा ३५५ और ३५६ के तहत धमकी दे देने से कुछ नही होता, आपको उसके साथ वहाँ की परिस्थितियाँ भी देखनी पडेंगी, क्या ऐसा लगता है की वहा पर हमारे देश का संविधान असुरक्षित है शायद कोई भी नही कहेगा, आखिर क्यो ईसाईयो की संख्या लगातार बढती जा रही है ग्राहम स्टेंस की हत्या के बाद क्या क्या हुआ था किसी से छिपा नही है| लेकिन सबसे बुरी बात उनका माओवादियो और नक्सलियो से गठजोड है जो सामने आई है| ये सारी बाते एक तरफ लेकिन धर्म परिवर्तन आखिर होता हि क्यो है और होता भी है तो आदिवासियो और नीचे तबके के लोगो का ही क्यो? कही न कही ईसाई समुदाय भी बराबर के जिम्मेवार है ईन सभी के लिये|
आप अब वीरप्पा मोईली जी को देखीये गृहमंत्री से दो कदम आगे बढ गये वो राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ पर प्रतिबंध लगाने की बात करते है उन्हे पता नही ये उनके हद की बाहर की चीज है प्रतिबंध तो दुर की बात है अगर आपने ईसे छेडा भी तो बुरी तरह फस जायेंगे| आप लोग काश्मीर और उडीसा को ही सम्हाल लो तो बेह्तर है| मै मानता हुँ की कई चीजे बुरी है राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ मे पर अभी ये वक्त नही उन्हे छेडने का|
19.9.08
कोशिश तो करो
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2 comments:
aisa hi hota hai hamare desh mein. samasya ka hal khojne ke bajay hamare neta aapas mein bhidne ke liye shigufa chorte rahte hain
aisa desh hai mera.
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