चुनाव का मौसम आया है
नेता जी अब आएंगे
दर्शन दुर्लभ हो गए थे जिनके
वे हाथ जोड़ खिखिआएंगे
मीठी-मीठी बातें करके
जनता को फुसलाएंगे
तरह-तरह के दावे करके
लोगों का मन भरमाएंगे
समस्याओं के निपटारे का
वादा फिर दोहराएंगे
पिछले वादों के मुद्दे पर
विपक्ष को दोषी ठहराएंगे
वोट डालने के लिए फिर
वो गुंडों से दमन कराएंगे
बमबारी, बंदूक, लूट से
‘वोट बैंक’ बनाएंगे
भ्रष्टाचार खुद फैलाकर के
दूसरों को नीचा दिखाएंगे
निरीह लोगों को सता-सता कर
सत्ता की कुर्सी पाएंगे
चुनाव जीत कर नेता जी
फिर नजर कभी न आएंगे
चुनाव का मौसम आएगा जब
नेता जी तब आएंगे
10.4.09
नेता दर्शन
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