Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

19.4.09

जीवन में

जीवन में जाने क्यों ऐसा हो जाता है,

दिल जिसे चाहे वो ही खो जाता है।

धीमे-धीमे उसकी याद में दिल सुलगता है,

ऐसा अनचाहा दर्द वो दे जाता है।

जैसे जीने की ख्वाहिश ही मिट जाती है,

दूर-दूर तक तन्हाईयाँ है नजर आती है।

आँखों से नमी भी ख़त्म हो जाती है,

जब कोई ऐसे रुला जाता है।

नजरो से वो चेहरा भुलाये नही भूलता है,

पुराना मंजर हर पल आँखों के सामने घूमता है।

नींदे भी उसके साथ, साथ छोड़ जाती है,

जिंदगी का सपना जब कोई तोड़ जाता है।

न जाने क्यों फ़िर जिया नही जाता है,

जब कोई सांसें ही अपने साथ ले जाता है।

जब दिल की गहराई तक बसा होता है वो,

तो न जाने क्यों फ़िर इस कदर याद आता है

by deep madhav

deep_sa15@yahoo.co.in
sapnemere.blogspot.com


No comments: