राजनैतिक पार्टियों सावधान ,क्या तुम्हे पता है की झंडे और बैनर बनवाने का तुम्हारा खर्च बेकार हो गया है। कैसे ? अरे ! शहर की गलियों में जाकर देखो ,इनकी गत समझ में आ जायगे। अब जनता इतनी बेवकूफ नही की झंडे और बैनरों के लालीपॉप के झांसे में आकर मतदान करेगी । अब तो तुम्हारा काम देखा जायगा । पाँच साल के लिए सत्ता की मलाई खानी है तो जनता को भी हिस्सा देना पड़ेगा। अरे हाँ ! बात हो रही थी झंडो और बैनरों की। तो भाई ! बता ही देती हूँ । मतदाताओं ने अपने घरो पैर भाजपा,कांग्रेस से लेकर कई पार्टियों के झंडे लगा रखे है। यह इस बात का सूचक है की मतदाता अपने पत्ते नही खोलना चाहते है की वे किस पार्टी को सत्ता की मलाई खिलाने वाले है । तो जय हो जनता जनार्दन की । अब तो बस चुनाव ख़त्म होने का इंतजार कीजिये ,भगवान् करे कुछ नया हो और शहर और देश का भाग्य सुधरे । इसी दुआ के साथ वोटरों की जय। ..........
जो दिख रहा है सामने वो सच नही है,
देखे की समय ने chupa क्या रखा है ?
25.4.09
कौन जीतेगा क्या पता !
Labels: चुनाव में शहर
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1 comment:
aap sahi pharma rahi hai . lekin abhi bhi " castism factor" logo ko bharma raha hai
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