मतदान कीजिए सभी मतदान कीजिए
इस लोकतंत्र पर्व का सम्मान कीजिए
संसद में जो भी जाए वो आदमी अच्छा हो,
हर शख्स से ये आप आह्वान कीजिए
मतदान करना है जरूरी दान की तरह,
किसी पात्र व्यक्ति को ही ये दान कीजिए
अपराधी आ रहे हैं राजनीति में बहुत,
पूरे न आप उनके अरमान कीजिए
16.4.09
ग़ज़ल/मतदान कीजिए/प्रसन्न वदन चतुर्वेदी
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2 comments:
bilkul theek chturvedi ji,
matdan karke desh ko ek sahi neta dena ham sab ka kartavya hai.kavita ka sandesh samayanukul hai.
ऐसी की तैसी मतदान करे। सारे ही मां के ढक्कन चोर है किसको मतदान करे।
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