ये किसी मेले का दृश्य नहीं है बल्कि दिल्ली मेट्रो के राजीव चौक स्टेशन का नजारा है. दिल्ली मेट्रो दिल्ली के लोगों और ट्राफिक के लिए एक बहुत ही अच्छा कदम थी. पर लोगों की भीड़ देखकर लगता है अब दिल्ली सरकार को मेट्रो के लिए भी आप्शन खोजने होंगे...
आपका इन्तेजार कर रहा हूँ अपने ब्लॉग "कुछ बात" और "खामोशी..." पर. जरूरत है आपके मार्गदर्शन की....
2 comments:
jansakhya vistaar agar isi taah raha to humein har pal ka options khojna padega...
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मेट्रो की जगह कोंकण रेलवे की स्वदेशी टेकनोलोजी से विकसित स्काई बस होती तो इतनी भीड़ कभी न होती. पर इतनी सस्ती और सरल योजना में पैसा डकारने कैसे मिलता?
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