शीर्षक पढ़कर आप शायद चौकें, परन्तु सच यही है। देश में महंगे से महंगे चिकित्सालयों में लाखों रुपऐ देकर भी किसी की जान सुरक्षित नहीं है। देश में निजी नर्सिंग होम, पाली क्लीनिक, चिकित्सालयों आदि में वास्तव में कायदे कानूनों के पालन करने का सवाल ही नहीं उठता, क्योंकि अविश्वसनीय किन्तु सच्चाई यह है कि देश में निजी चिकित्सालयों के लिए कोई नियम, कायदे-कानून बने ही नहीं हैं। देश में किसी चिकित्सक के लिए अपना किसी भी प्रकार के निजी चिकित्सालय खोलने के लिए न किसी प्रकार के लाइसेंस लेने का प्राविधान है, न कहीं पंजीकरण करने की पाबन्दी है और न ही ऐसे संस्थानों में जरूरी सुविधाऐं उपलब्ध कराने के लिए कोई दिशा निर्देश। ऐसे में निजी चिकित्सा संस्थानों में स्वास्थ्य सुविधाऐं एवं मरीजों की जान भगवान भरोसे नहीं तो और क्या है ?
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5.8.10
लाखों देकर भी सुरक्षित नहीं आपकी `जान´
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