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1.4.11

हसरत ये हमारी है

जीत गई इंडिया,
ख़ुशी का आलम पसरा ,
दूर अँधेरी रात आज किसी और के साथ ,
खुशी का साथ अब बस हमारे साथ ,
हो जशन का साथ भारत के साथ ,
तो कैसे न हो गीले ,गिलानी चहिते>
आसू में डूबा पाकिस्तान ,
सोचे जरा अब जिद छोड़ कश्मीर की ,
सिक सबक इस खेल से ,
ये तो थी खेल सेना ,अभी बाकि है युद्ध की सेना
,और बोल ज़रदारी जरा अब क्या है तेरा कहेना,
अब न लेना पंगा अपने बाप से ,
बाकि अभी एक और पारी है ,
श्री लंका को भी धुल चटानी है ,
इस बार वर्ल्ड कप में चाये की चुस्की लेनी है ,
हसरत ये हमारी है ,

2 comments:

Atul Shrivastava said...

चलो अब कप तो हमारा ही होगा, लंका में एक और रावण को मारना है। फिर तो चाय की चुस्‍की लेनी ही है।
अच्‍छा लिखा।

Anamikaghatak said...

man ki murad puri hui............wakai ab jashna manane ka samay hai
http://kavyana.blogspot.com/2011/03/blog-post_31.html