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15.5.11

मुझे पेट्रोल के बड़ते रेट की कोई चिंता नहीं यह १०० रुपए हो जाना चाहिए

मैंने जब एक बार कहा था एक दिन वोह जरूर आयेगा जब भारत अपने पुराने साधनों की और फिर से मुड़ेगा....किसी को विश्वास ही नहीं हुआ...लेकिन मुझे तो मुड़ना पड़ा पत्रकार हूँ तो भाई इतना महंगा पेट्रोल...कहाँ से चलेगा अब यह सब सो मैंने तो फैसला कर लिया की एक साइकिल ले ही ली जाये अब...क्यों की में जानता हूँ पेट्रोल के दाम बदने से साइकिल कंपनी कल को अपने साइकिल के रेट भी बड़ा सकते हैं.....५० रुपए से सीधा ६८ रुपए का रेट आ गया...तनख्वाह पहले भी टाइम पर नहीं मिलती थी और अब भी नहीं मिलेगी....इस लिए मैंने जो कहा था के भारत के लोग पुराने साधनों की और लोटेंगे...आप सोच रहे होंगे की में १०० रुपए पार्टी लीटर की बाद क्यों कर रहा हूँ ...यह भी कम है अगर भारत के लोगों को वास्तव में पुराने साधनों की और लाना है तो केंद्र सरकार को सुझाव भेज रहा हूँ ...
१- पेट्रोल के रेट २०० रुपए लीटर किये जाएँ ता की मेरा कथन सच हो सके....और सड़कों पर से ट्राफिक भी कम हो सके
२- डीसल के रेट भी बढाएं जाएँ जब उत्तर परदेश में किसानों की जामीन जबरदस्ती छीने जा रही है तो केंद्र साकार को भी किसानों का उत्पीडन करने का अधिकार है...
३- रसोई गैस के दाम में कम से कम १०० रुपए बडाये जाएँ...क्यों की हर चीज़ महंगी मिल रही है तो रसोई गैस महंगी क्यों नहीं यह तो रसोई गैस के साथ न इंसाफी है॥
४- जितने टैक्स हैं ..अभी गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स लागू होना है उसमे अंतिम संस्कार पर भी टैक्स लगाया जाये ता की ३० तरह के टैक्स झेल कर मरने वाले को यह न लगे की वोह फ्री में मर गया और कोई टैक्स नहीं लगा॥

५- और भी कई सुझाव मेरे पास है..पर एक पेट्रोल पुमप से फ़ोन आया है की अधिकारी लोग तो रात ही अपना कोटा ले गए थे पुराने रेट पर ....आप पतरकारों से क्यों बिगाड़ें ..सो जब तक नई साइकिल आती तब तक में भी पतरकार कोटे से थोडा पेट्रोल ले कर दो चार दिन अपनी मॉडल १९९२ की बाईक के साथ घूम्लूँ फिर तो हम सबने पुराने साधनों की और लोटना ही है ....प्रेम अरोड़ा
9012043100

1 comment:

तेजवानी गिरधर said...

आपकी अभिव्क्ति मजेदार है