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चादर पर पड़े सिलवटों की भी जुबां होती है
कभी प्यार तो कभी ग़म की कहानी कहती है
चादर पर पड़े सिलवटों की भी जुबां होती है
कभी प्यार तो कभी ग़म की कहानी कहती है
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
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