राधे तूने मुरली क्यूँ है चुराई ?
लगती है भोली पर करे चतुराई
राधे तूने ................
माता जसोदा के लल्ला सुनो
जो कुछ भी पूंछूं सच सच कहो
इसमें ही कान्हना है तेरी भलाई !
राधे तूने .....
किसने सिखाया मीठी मुरली बजाना ?
घर घर में जाकर माखन चुराना ;
किसने तुम्हे ये मोहनी सिखाई ?
राधे तूने .......................
कोयल से सीखा है मुरली बजाना ,
सिखलाते मित्र मुझे माखन चुराना ,
तुमने ही मुझको ये मोहनी सिखाई
राधे तूने ..............
भोला नहीं तू सीधा नहीं है ;
गोपियों की मटकी फोड़े तू ही है ,
कैसे करे तू इतनी ढिठाई ?
राधे तूने .....
राधे सुनो इन प्रश्नों को छोडो ,
लीला हमारी है परदे न खोलो ;
ढूंढ ली है मुरली जो थी छिपाई
राधे तूने .........
[मेरी आवाज़ में ]
शिखा कौशिक
[विख्यात ]
5 comments:
जय हो !
कमाल का भजन बनाया है,
और यु टूब पर जिसने भी गया है बहुत सुन्दर है, ढोलक भी बहुत गजब कि है ,
में इस लिए बता सकता हूँ कि मैं भी भजन गायक व् कथा वाचक हूँ. ताल, सुर , भाव खुद बेशक कम हों पर पहचान तो जाता ही हूँ.
सबको साधुवाद है .
किसी तरह यु टूब में चित्र भी दाल सकते होते तो आनंद और बढ़ जाता.
दासानुदास
अशोक गुप्ता, दिल्ली
वाह आनन्द आ गया इस मधुर मीठी ठिठोली पर्।
ashok ji v vandna ji -bahut bahut dhanyvad .Y TUBE par ise maine hi gaya hai .choonki main hi baja rahi hun is karan chitr nahi dal paai .protsahan hetu hardik dhanyvad .
बहुत मधुर गीत है, मीरा की याद आ गई।
ओम
बहुत मधुर गीत है, मीरा की याद आ गई।
ओम
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