ये राजनीति की ही विडंबना
है कि जिस नेता को एक दिन पहले तक पार्टी और कार्यकर्ता सिर आंखों पर बैठाने को
तैयार रहते हैं वही नेता अगर सत्ता की राह में रोड़ा बनता दिखाई देता है या इसका जरा
सा आभास भी होता है तो उसे किनारे होने में ज्यादा वक्त नहीं लगता..! भाजपा में गडकरी
चैप्टर का क्लाइमैक्स भी कुछ ऐसा ही दिखाई दे रहा है और पार्टी के राष्ट्रीय
अध्यक्ष के रूप में गडकरी का दूसरा कार्यकाल भी इसकी भेंट चढ़ सकता है..!
भाजपा 2014 में
केन्द्र की सत्ता में आने को बेकरार है लेकिन भाजपा की ये बेकरारी पार्टी के नए
अध्यक्ष को लेकर अब बेचैनी में बदल गई है। वजह साफ है जिस गडकरी के दूसरे कार्यकाल
को मूर्त रूप देने के लिए भाजपा ने अपने संविधान में संशोधन तक कर डाला वहीं गडकरी
अब भाजपा की गले की हड्डी बन गए हैं..! गडकरी के लिए सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा
था लेकिन गडकरी के भाजपा अध्यक्ष के रूप में दूसरे कार्यकाल पर गड़बड़ी उस वक्त
शुरु हुई जब गडकरी की कंपनी पूर्ति लिमिटेड में बड़ा घालमेल होने की बात उजागर
हुई। गडकरी की अपनी ही कंपनी उनके अध्यक्ष के दूसरे कार्यकाल में सबसे बड़ा रोड़ा
बन गई और यूपीए सरकार को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरने वाली भाजपा अपनी ही पार्टी
के अध्यक्ष के चलते बैकफुट पर आ गई।
दरअसल 2014 के चुनाव
में भ्रष्टाचार बड़ा अहम मुद्दा रहेगा और भाजपा यूपीए टू में हुए भ्रष्टाचार और
घोटाले को मुद्दा बनाकर कांग्रेस को मात देने की तैयारी कर रही है ऐसे में भाजपा
ये कभी नहीं चाहेगी कि जिस मुद्दे को लेकर वो कांग्रेस को मात देने की तैयारी कर
रही है वही मुद्दा उसके अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के चलते उस पर भारी पड़ जाए..! ऐसे में भाजपा के
अधिकतर नेता भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे गडकरी की बजाए किसी ऐसे चेहरे को
अध्यक्ष के रूप में चाहते हैं जो न सिर्फ ईमानदार और स्वच्छ छवि का हो बल्कि
पार्टी में जिसकी सर्व स्वीकार्यता भी है।
राजनीति में ऐसे
नेता तो ढूंढ़ना भूसे के ढेर में सुई ढूंढ़ने के बराबर है ऐसे में भाजपा के अंदर
सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर वो नाम कौन होगा जो पार्टी में गडकरी की जगह ले सकता
है..? ये सवाल इसलिए भी
बड़ा है क्योंकि जो भी नेता इस कुर्सी पर विराजमान होगा उसका कद एकाएक बढ़ जाएगा।
बहरहाल
भाजपा के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर सस्पेंस बरकरार है लेकिन इसी बीच सूत्रों
के हवाले से अंदर की खबर ये है कि इस कुर्सी के लिए भाजपा में दो नामों उत्तराखंड
के पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी और हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता
कुमार के नाम पर भी मंथन हुआ है..! खबर ये भी है कि
इस दौड़ में भ्रष्टाचार के आरोपों से अछूते रहे...ईमानदार और स्वच्छ छवि के माने
जाने वाले बीसी खंडूड़ी आगे चल रहे हैं और सब कुछ ठीक ठाक रहा तो गडकरी के बाद
बीसी खंडूड़ी भाजपा के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी पर विराजमान हो सकते हैं..!
deepaktiwari555@gmail.com
No comments:
Post a Comment