2014 का चुनाव करीब
है ऐसे में केन्द्र की सत्ता में काबिज होने को बेचैन भाजपा में ये सवाल जोरों से
उठ रहा है कि अगर 2014 में एनडीए की सरकार बन गई तो प्रधानमंत्री कौन बनेगा..? भाजपा के पीएम इन वेटिंग लाल कृष्ण आडवाणी
की भी इच्छा तो होगी ही लेकिन अफसोस उनकी ये हसरत पूरी तो होगी नहीं..! दौड़ में तो और भी बहुत नेता हैं जिनमें
सुषमा स्वराज, अरुण जेटली के अलावा अब राजनाथ सिंह का नाम भी जुड़ गया है लेकिन जिस
नाम का जिक्र मैंने अभी तक नहीं किया वही दौड़ में सबसे आगे दिखाई दे रहा है।
बात गुजरात के सीएम
नरेन्द्र मोदी की हो रही है। भले ही वे भाजपा के राष्ट्रीय नेता न हों...गुजरात की
राजनीति में सक्रिय हों लेकिन इसके बाद भी वे लोकप्रियता के मामले में भाजपा के
तमाम दिग्गज राष्ट्रीय नेताओं से दो कदम आगे ही हैं। विरोधियों को छोड़िए अपनी ही
पार्टी में भी वे खासा दम रखते हैं...फिर उनके सामने भले ही पार्टी का राष्ट्रीय
अध्यक्ष क्यों न हो..?
नरेन्द्र मोदी
दिल्ली में पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह से मिलने और उनको बधाई
देने जब राजनाथ सिंह के निवास पर पहुंचे तो राजनाथ सिंह अपने निवास के बाहर मोदी
के स्वागत के लिए पलकें बिछाए बैठे थे। ऐसा लग रहा था कि पार्टी का नया राष्ट्रीय
अध्यक्ष बनने पर मोदी राजनाथ सिंह को नहीं बल्कि राजनाथ सिंह मोदी को बधाई दे रहे
हों।
ये पार्टी में मोदी
का बढ़ता कद नहीं तो और क्या था कि उनकी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष मोदी के
स्वागत के लिए अपने निवास के बाहर खड़ा था..!
क्या किसी और भाजपा
शासित राज्य का मुख्यमंत्री पार्टी के नए नवेले राष्ट्रीय अध्यक्ष से मिलने पहुंचे
तो राजनाथ सिंह इसी तरह उसका स्वागत करेंगे…उसके स्वागत में अपने निवास के बाहर
खड़े मिलेंगे..? लेकिन मोदी के
मामले में ऐसा हुआ क्योंकि राजनाथ सिंह ये जानते हैं कि 2009 के आम चुनाव में उनके
नेतृत्व में भाजपा की हार का जो दाग उनके माथे पर लगा है…वो दाग 2014 में केन्द्र में एनडीए की
सरकार बनवाकर कोई शख्स अगर मिटा सकता है तो वो शख्स कोई और नहीं नरेन्द्र मोदी ही
है। ऐसे में क्यों न पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष मोदी के स्वागत में पलकें बिछाए
अपने निवास के बाहर खड़ा हो। सही कहा न राजनाथ सिंह जी।
deepaktiwari555@gmail.com
No comments:
Post a Comment