Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

1.6.20

मजदूरों, श्रमिको और रोज कमाने वालों के हित में सरकार को कुछ सुझाव


1- केंद्र सरकार सभी मजदूरों  और कामगारों,फेरीवालों तथा रिक्शा ठेला चलाने वालों का चाहे वह किसी भी फील्ड में हो कैम्प लगाकर निशुल्क रजिस्ट्रेशन करके उनका पूरा डेटा और बैंक डिटेल अपने पास रखे तथा जिनका बैंक खाता नहीं है उनका खाता अनिवार्य खुलवाए।

2- सरकार आधार कार्ड की तरह इनको एक निशुल्क डिजिटल कार्ड दे  और ये मजदूर ,रिक्शा वाले ठेला वाले,हॉकर ,श्रमिक जिस राज्य में काम कर रहे हैं।उसका डेटा राज्य सरकार के श्रम विभाग में हो ।

3- बिना इस डिजिटल कार्ड के कार्य करने की अनुमति न दी जाए जिससे मजबूरी में ये सभी लोग कार्ड बनवाएं। और श्रम निरीक्षक कल कारखानों ,बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन पर  जाकर इस बात की जांच करें कि बिना कार्ड के कोई वर्कर काम तो नही कर रहा है।अगर कर रहा है तो उसके मालिक और वर्कर दोनों को फाइन लगाएं। जिससे वर्कर कार्ड बनवालें।

4- लॉक डाउन जैसे हालात पैदा होने पर सीधे इन मजदूरों ,रिक्शा वाले ठेला वाले,फेरी वालों के खाते में 15 ,15 हजार रुपये तीन महीने के लिए ट्रांसफर कर दिए जाएं। ताकि कोई भी मजदूर या रिक्शा ठेला वाले ,फेरी वाले उन तीन महीने में घर से बाहर न निकले। देखिए कोई मजदूर बाहर नहीं निकलेगा। फिर अगर वह बिना ठोस कारण के निकल रहा है तो उसे फाइन लगाया जाए।

5- सभी लोगों को कोरोना की निशुल्क जांच कराना अनिवार्य किया जाए और इसके लिए निजी अस्पतालों और स्वयंसेवी संस्थाओं,नगर सेवक और ग्राम प्रधानो की मदद से कलेक्शन सेंटर सभी स्कूलों में बनाया जाए।

6- जिन कर्मचारियों को उनके मालिको ने वेतन नही दिया या वेतन काटा उनसे राज्य सरकार का श्रम विभाग उनकी तीन साल की बैलेंसिट और प्रॉफिट एन्ड लॉस एकाउंट और कर्मचारियो की लिस्ट मंगाए और वास्तव में वह कंपनी घाटे में जा रही है तो उससे कर्मचारियों की पूरी लिस्ट और  कर्मचारियों का  बैंक डिटेल लेकर कर्मचारियों के खाते में सरकार उनकी सेलरी का पैसा तीन महिने ट्रांसफर करें और कंपनी मालिक से पांच साल में इसकी बिना ब्याज के इसकी वसूली करे।

7- सभी छोटी बड़ी कंपनियों को यह अनिवार्य किया जाए कि बिना नियुक्ति पत्र ,आईकार्ड दिए आप किसी कर्मचारी को नही रख पाएंगे और नियुक्ति पत्र की डिजिटल प्रति राज्य सरकारों के श्रम विभाग को भी देना अनिवार्य होना चाहिए।अगर कंपनी मालिक ऐसे नहीं करते तो उन्हें भारी जुर्माना लगाया जाए।

8- किसी कर्मचारी का ट्रांसफर टर्मिनेशन या प्रमोशन होता है तो उसकी भी सूचना कंपनी अधिकारियों को श्रम विभाग को देना अनिवार्य हो ताकि श्रम विभाग के पास पूरा डेटा रहे।

9-लॉक डाउन के दौरान जितने कर्मचारियों का छटनी हुआ है उन्हें सरकार कुछ राहत दे तथा प्रयास करे कि जिन कंपनियों ने उनकी छटनी की है उन्हें वापस काम पर रखें अगर वास्तव में वह घाटे में नही जा रही हैं तो।

10- सरकार फ्रीलान्स कार्य करने  वालों मार्केटिंग वालों  और छोटे दुकानदारों का भी अलग कटेगरी में रजिस्ट्रेशन करे और उन्हें राहत दे।


शशिकांत सिंह
पत्रकार और आरटीआई कार्यकर्ता
9322411335

No comments: