17 जून 2020: बुधवार को झारखंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन के संस्थापक शाहनवाज हसन, प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र सिंह, प्रदेश महिला कमिटी महासचिव स्मिता चौधरी एवं ललन पांडे ने झारखंड डीजीपी एम वी राव से मुलाकात कर पत्रकारों के हित से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की और एक मांगपत्र भी उन्हें सौंपा। मांगपत्र पाकुड़ जिला के पाकुड़िया प्रखण्ड के पीड़ित पत्रकार संजय कुमार भगत को लेकर था। जिसमें जिक्र किया गया है कि किस तरह पत्रकार संजय भगत के विरुद्ध एक झूठा मामला दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया था। इस मामले में संजय कुमार भगत न्यायालय से ज़मानत पर रिहा हो चुके हैं।
संजय कुमार भगत द्वारा लॉकडाउन के उल्लंघन से संबंधित समाचार प्रकाशित करने पर पाकुड़िया थाना प्रभारी द्वारा षड्यंत्र के तहत झूठा मुकदमा दर्ज कर उन्हें आनन फानन में जेल भेज दिया गया था। पत्रकार संजय कुमार भगत के विरुद्ध मारपीट का मुकदमा दर्ज किया गया। जिस गवाह के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया था, उसने भी न्यायालय में शपथ पत्र देकर ऐसी किसी घटना में पत्रकार संजय कुमार भगत की संलिप्तता से इंकार किया है।
झारखण्ड जर्नलिस्ट एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने डीजीपी से इस पूरे प्रकरण की जांच डीआईजी स्तर के पदाधिकारी से करने एवं जांच होने तक पाकुड़िया थाना प्रभारी को तत्काल पाकुड़िया थाना से हटाने की मांग की है। पत्र में कहा गया है कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के विरुद्ध इस प्रकार की साज़िश रचने वाले पुलिस पदाधिकारी के विरुद्ध सख्त कारवाई की जाए, जिससे झारखण्ड पुलिस की छवि को धूमिल होने से बचाया जा सके।
थाना स्तर पर पुलिस पदाधिकारियों का रवैया पत्रकारों के लिये दमनकारी होता है, जिसकी शिकायत संगठन को प्राप्त होती रहती है। संगठन ने झारखण्ड में भी जिलावार एक कमेटी का गठन छत्तीसगढ़ सरकार के तर्ज पर किए जाने का आग्रह किया है जिससे निर्दोष पत्रकारों के विरुद्ध मामला दर्ज होने पर उन्हें जेल नहीं भेजा जा सके। बातचीत के दौरान पुलिस महानिदेशक एम वी राव का रवैया काफी सकारात्मक रहा और उन्होंने पत्रकारों के हित में हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया।
क्या कहा डीजीपी ने
झारखंड डीजीपी एम वी राव ने जेजेए के प्रतिनिधिमंडल से बात करते हुए स्पष्ट कहा कि सारे पत्रकार निष्पक्ष रहकर स्वतंत्र होकर बिल्कुल निडर पत्रकारिता करें। पत्रकारिता के मामले में किसी भी जगह पर अगर कोई भी थाना प्रभारी मामला दर्ज करते हैं तो उसपर कारवाई की जाएगी। पत्रकार बिना किसी भय या दवाब के अपना काम करें। उन्होंने स्पष्ट कहा कि पत्रकार लोकतंत्र के प्रहरी और चौथे स्तंभ हैं।
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