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6.11.10

बेटी होने के ही कारण, यूँ ना मुझको मार दे माँ........

मैंने कब चाहा मुझे तू, ये सारा संसार दे माँ,
अपनी गोदी में बिठाकर, थोडा सा तो प्यार दे माँ.........
मैं अगर जन्मी हूँ बेटी, इसमें मेरी है खता क्या,
बेटी होने के ही कारण, यूँ ना मुझको मार दे माँ........
कोख में काटा गया है, मुझको करोड़ो बार मैया ,
बेटी होने की सजा ना, मुझको बारम्बार दे माँ ..........
क्यों मुझे समझो अभागी, दो घरों की लाज हूँ मैं,
तुझसे हूँ मैं, हूँ तुझी सी, पल दो पल ही दुलार दे माँ.........
नारी हो कर क्यों नारी की, व्यथा तू माँ समझ ना पाए,
मुझको फलने फूलने दे, जीवन का तू सार दे माँ..........
एक नई पीड़ी का निर्माण, मुझको ही करना है मैया,
मुझको जीवित रख के तू, स्रजन का अधिकार दे माँ.......

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मेरी हत्या करके मैया, एक दिन बहुत पछताएगी तू,
इस धरा को एक दिन, नारी विहीन कर जाएगी तू,
इस धरा पर फिर मनुज का, आगमन होगा तो कैसे?
कोख ही जब ना रहेगी, सन्तति कहाँ से लाएगी तू?
श्रष्टि का विस्तार सारा, तेरे मेरे दम से है माँ,
मेरी हत्या करके धरती, इंसान विहीन कर जाएगी तू,
इसलिए कहती हूँ मैया, मुझको जीवन सार दे तू,
मुझको जीवन देके मैया, रचना का अधिकार दे तू,

5 comments:

बाल भवन जबलपुर said...

सामयिक जरूरत है इस विचार की
महाजन की भारत-यात्रा

डॉ. मोनिका शर्मा said...

सार्थक पोस्ट......

vandana gupta said...

विचारणीय पोस्ट्।

Anonymous said...

bina mrj pkde kisi rog ka ilaj nhi hota. beti ko marne ke liye uksane vale karno ko khtma krna hoga. dhej pratha,jativadi vichardhara ke sath-sath unke sath ki jane vali abhadrata ko katm karna hoga. vahi shadi ka faisla bachcho ka adhikar kanoon bnana hoga jise logo ko swikaar karna hoga.sabse badi bat ki hame hi sudharna hoga.
pt. sri ram sharma acharya ki shikh pr chalna hoga :-
hm bdlenge yug bdlega, hm sudharege yug sudharega.

shrish srivastava said...

बिना मर्ज पकड़े किसी रोग का इलाज नही होता. बेटी को मरने के लिए उकसाने वाले कारणों को खोजना होगा. दहेज प्रथा, जातिवादी विचारधारा के साथ-साथ उनके साथ की जाने वाली अभद्रता को ख़त्म करना होगा. वही शादी का फैसला बच्चो का अधिकार कानून बनाना होगा जिसे लोगो को स्वीकार करना होगा।
सबसे बड़ी बात की हमें ही सुधारना होगा.पत. श्री राम शर्मा आचार्य की seekh पर चलना होगा :-
"हम बदलेंगे युग बदलेगा, हम सुधरेगे युग सुधरेगा"