नई दिल्ली में 10वें इंदिरा गांधी सम्मेलन में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि देश में रिश्वतखोरी और लालच बढते जा रही है । वे मूल्य खतरे में है जिन पर आजाद भारत खडा हुआ है और आज देश को अधिक सक्षम और प्रभावी सरकार की जरूरत है । ऊंची आर्थिक विकास दर ही सब कुछ नही है ।
सोनिया जी के इस कथन पर लोग अपनी अपनी सोच से कुछ भी कह सकते हैं लेकिन हमें ये सोचना है कि यदि सोनिया जी को वाकई में ऐसा लग रहा है कि देश में कांग्रेस शासन अपना प्रभाव आम जनता के बीच में नही बना सकी है तो जाहिर है अब कांग्रेस आत्ममंथन में जुटेगी । जहां तक अपनी सरकार बनाने की बात है तो यूपीए गठबंधन में कांग्रेस के हिस्से में सिर्फ बदनामी ही आती है जबकि अच्छाई दुसरे दल अपने नाम करके राज्य में प्रशंसा बटोर लेते हैं ।
सोनिया गांधी नें देश में बढती रिश्वतखोरी और लालच के प्रति संवेदना जाहिर तो कर दी लेकिन भ्रष्टाचार का नाम तक नही .........
20.11.10
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2 comments:
मनमोहन सिंह से मन उकता गया है राहूल बाबा को लाने का विचार है.......... एक बार और वेडा़ गड़क
dabbu ji rishwat lalach bhi bhrashtachar ke rop hain aur soniya ji ke anusar desh ko ek party [congress ]ki sarkar ki aavshayakta hai to yah soch galat nahi hai kyonki gadhbandan me kam n ke barabar hai aur kheenchatani jyada hai.har bat ki aalochna sahi nahi .savasth aalochna honi chahiye.
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