Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

27.11.10

आज मुझे प्रज्ञा आंटी
के निधन का समाचार विनय ने दिया । मी अवाक् रह गया सुन कर। कुछ माह पहले शशांक दा गए और अब प्रज्ञा आंटी भी। मै थोडा डरते डरते ही उनके बघीरा वाले अपार्टमेन्ट मी दाखिल हुआ था। परवहां बीजो दा से , उनके छोटे बेटे से मुलाकात हुई और मेरा मुखर्जी आंटी के घर जाना सार्थक हो गया। मै अभी बहुत भरा हूँ। दादा- प्रज्ञा आंटी के हसमुख चेरे मुजे दिख रहे है। मै कभी इन दोनों रंगमंच की बहतरीन शख्सियतो पर ज़रूर लिखूंगा और तब उन नाकारा कला समीक्षकों की भी खबर लूँगा जिन्हें इन दोनों के बारे मी कलम चलाना फालतू लगा होगा। तभी तो प्रज्ञा आंटी के funeral पर एक श्री सतीश मेहता जी को छोड़ कोई नहीं जा सका। अभी एक खबर दे दो की फलां फिल्म director ने अमुक होटल मी बुलाया है तो सब के सब जमा हो जायेंगे। सा...

No comments: