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2.1.08

न्यूज़मीडिया है या फूयुज मीडिया

नव वर्ष की सभी को शुभकामनाएंयह बात हम पिछले २० साल से कह रहे हैंहर साल कुछ नया करने की तम्मनाऔर साल एक एक दिन कर बीत जाता है और हम अपनी जिन्दगी का एक साल गवां देते है। २००७ को कई बात के लिए याद किया जाएगाइसमे वो बाते भी होगी जो हमे रास्ट्रीय खबरिया चैनल नही दे सकेसालकी शुरुआत में हम मनोरंजन और खबरों के लिए अलग अलग चैनल देखते थेअब चंनेलो पर सिर्फ मनोरंजनदिखता हैटी पी कि महामारी फ़ैल गयी हैअब बिहार के बाढ़ में १००० से भी ज्यादा मौते टी पी में जगह नहीबना पाईगुजरात में एक परिवार में लोगो की एक साथ मौत का प्रोफाइल छोटा थाऔर उत्तर प्रदेश के कन्नौजऔर इटावा जिले के सरकारी स्कूल में दलित महिला के हाथ का बना खाना खाने से बच्चो का इंकार करनाखबरिया चैनल के लिए बिकने वाला मसाला नही थाखबरिया चैनल का केमरा राखी के बूब्स देखता रहा औरचैनल के एडिटर उसमे नोके ढूंढते रहेदर्शक रीजनल चैनल की तरफ गएखबरों के शौकीन दर्शको का रुझानरास्ट्रीय चैनल से हट कर अख़बार पर गयाकई सीनियर पत्रकार टी वी कि दुनिया को बाय बाय कर अपनीपत्रिकारिता करने वापिस प्रिंट मीडिया में चले गए। । उत्तर प्रदेश बिहार मध्य प्रदेश का कंटेंट पार्ट कम हो गयाहिन्दी बोलने वाले सारे हिन्दुस्तानी दिल्ली और मुम्बई में चले गएसाल की विदाई पर दूसरो के घरो मे झाक ताककर दर्शको को बोरे करते रहेयही हाल रहा तो दर्शक इस साल खबरिया चंनेलो को बाय बाय कर दे तो कोई खासबात नही होगीनए चैनल बाजार में आये और वो भी ताऊ हट जा गाते रहेचमचागिरी की बिक्री बढ़ गयी औरकाम करने वाले साल भर ब्लोग्गिंग कर अपनी भड़ास निकालते रहेचेंनेलो की संख्या मे इजाफा हुआ और दर्शकोकी कमी आईप्रभु चावला जैसे पत्रकारों को उलटी बात करनी पड़ीशर्म आनी चाहिऐ देश के सबसे सर्व श्रेस्थ्रचैनल वाले को राखी की सीधी बात मे बूब्स दिखाने के लिया क्या क्या नही कियातभी तो कहता हूँ की ये न्यूज़मीडिया है या फुयूज मीडिया
एक बार फिर नव वर्ष कि सभी को शुभकामनाएं

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