भड़ास के पुनर्जन्म के बाद इसके लुक को लेकर मैं लगातार असंतुष्ट था लेकिन सब कुछ धीरे धीरे पटरी पर लाना था। यह तो पहले से ही मन में था कि भड़ास का लुक पुराना जैसा ही रहना चाहिए, सरल सहज और आक्रामक। तो लीजिए, बिलकुल पहले जैसा भड़ास पेश है। नए टेंपलेट को लेकर रंगों और फांटों को थोड़ा एडिट करना पड़ा और नतीजा चकाचक।
जय भड़ास
यशवंत
1.1.08
नए साल में भड़ास पुराने रंग-ढंग में लौटा
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1 comment:
ekdam jhakkas,koi jarurat nahi hai fotu-fatu lagane ki,aise hi mast hai.
vineet
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