भले ही टाटा ने लाख रूपये कि कार बाज़ार में ला दिया हो मगर क्या यह सही में लाख रूपये कि कार है । इसकी बाजार में कीमत और लोगों के घर आते आते कीमत में काफी अंतर होगा। कम से कम यह सारा खर्च लगाकर एक लाख चालीस हजार रुपया परेगा। तो टाटा को यह झूठ बोलने कि जरुरत नहीं। चौरासी करोर लोग जो बीस रुपया खर्च करने कि हिम्मत नहीं रखते वो तो सिर्फ सपनों में ही इस कार के बारे में सोचेंगे। टाटा को सिंगुर के बारे में भी चोचना होगा जहाँ के लोगों के घर से बेदखल कर इस कार परियोजना को चालू किया जाएगा।
अच्छा होता यदि रतन टाटा इस कार परियोजना स्थल सिंगुर , के लोगों के पुनर्वास और रोजगार के बारे में भी इस ऑटो एक्सपो में घोषणा करते ।
11.1.08
लाख Tkiya कार
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1 comment:
kahe pareshan ho bhaiya,daru pee ke sut jaa
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