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6.3.08

यह भड़ास है या किसी के लेख की चोरी??

भड़ास पर एक भड़ासी साथी देवेंद्र साहू ने कल एक पोस्ट डाला, अपने आलोचकों से अब घृणा करते हैं बालीवुड के सितारे शीर्षक से। जैसा कि भड़ास के हर सदस्य को कोई भी पोस्ट कभी भी डालने की छूट है, सो देवेंद्र साहू जी ने भी ऐसा किया। पर उसके बाद जो टिप्पणियां व प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं, वो कोई और कहानी कह रही हैं।

ब्लागर मित्र संजीत त्रिपाठी ने मेल करके मुझे सूचित किया कि ये लेख तो जयप्रकाश चौकसे का है, जो दैनिक भास्कर अखबार में छप चुका है। संजीत जी की चिट्ठी इस प्रकार है.....


यह भड़ास है या किसी के लेख की चोरी
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Sanjeet to me
show details 12:42 (30 minutes ago)

यशवंत भाई,
भड़ासियों को समझाओ कि किसी के भी मैटर को अपने नाम से न डाला करें, पब्लिक को पता चल ही जाता है और भद्द भड़ास की ही पिटनी है फिर!!!
सो ऐसे भड़ासियों से कहिए कि क्यों भड़ास का नाम खराब करने में लगे हैं।


इन साहब ने दैनिक भास्कर में छपे जयप्रकाश चौकसे के लेख को अपने नाम से ही डाल दिया है।

संजीत

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देवेंद्र साहू की उपरोक्त पोस्ट पर दो टिप्पणियां भी आई हैं, जिनमें एक संजीत जी की है और दूसरी नितिन बागला की। दोनों टिप्पणियां इस तरह हैं...

Nitin Bagla said...
अगर कहीं यह भी लिख दिया होता कि यह लेख जयप्रकाश चौकसे जी का लिखा हुआ तो बहुत अच्छा होता....
भास्कर में प्रकाशित रचना


Sanjeet Tripathi said...
नितिन बागला जी ने सही कहा, मैं भी चौंक गया था क्योंकि कुछ दिन पहले ही दैनिक भास्कर में पढ़ा था इसे और यहां ये साहब इसे अपने नाम से डाले हुए हैं।
क्या यार साहू जी, काहे ऐसे करते हो!!!
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उपरोक्त मामला प्रथमदृष्टया रचना चोरी का ही लगता है। फिर भी हम, भड़ासी साथी देवेंद्र साहू से चाहेंगे कि वह अपनी स्थिति भड़ास पर स्पष्ट करें और बतायें कि उन्हें यह रचना इतनी ही अच्छी लगी कि वे सभी भड़ासियों को पढ़ाना चाह रहे थे तो उन्होंने साभार दैनिक भास्कर व लेखक का नाम क्यों नहीं लिखा? बाकी भड़ासी साथी भी अपनी राय दें। हालांकि अगर यह इरादतन की गई गलती न हो तो भी यह चेतावनी दी देवेंद्र जी को दी ही जानी चाहिए कि आगे से ऐसा न करें भइया। दुनिया बहुत जालिम और तीक्ष्ण नजर वाली है। करेंगे पाव भर, भरेंगे किलो भर। मेरे खयाल से देवेंद्र जी की सफाई आने के बाद इस मामले को यहीं खत्म कर देना चाहिए और उम्मीद करना चाहिए कि इस प्रकरण से सबके लेकर कोई भी भड़ासी किसी दूसरे की रचना चुराकर भड़ास पर डालने से बचेगा और अगर डालता भी है तो जिन सज्ज्न ने ओरिजनली लिखा हो और जहां छपा हो, उसे क्रेडिट व सम्मान देकर ही छापें।

मैं निजी तौर पर जयप्रकाश चौकसे जी और दैनिक भास्कर अखबार से क्षमा चाहूंगा कि उनकी रचना को प्रकाशित कर उन्हें क्रेडिट नहीं दिया गया।

जय भड़ास
यशवंत

3 comments:

Anonymous said...

DADA AAPNE SAHI FARMAYA HAI DEVENDRA SAHU JI KO SWIKAR KAR LENA CHAHIYE KI UNHONE GALTI KI HAI.CHALIE AB CHHORIE BHI.DUBARA AISA NA HO YAHI BAHUT HAI.

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

दादा,भड़ास पर छोटे-मोटे अपराधों को तो ऐसे ही माफ़ कर देना चाहिए वरना बिल्लोरे याद हैं न कितना बिलबिलाए थे.....

Unknown said...

बात तो गलत की है साहू जी ने, लेकिन इसे पहली गलती समझ कर माफ़ कर देना चाहिये… उन्हें पता नहीं होगा (ऐसा मुझे लगता है)…