मनीष जी आपना फ़ोन नम्बर और पता तो बता देते इस भडासी को जो कल दिल्ली आया और चार घंटे रहा स्टेसन पर । यदि मालूम रहता की कहाँ हैं तो इस चार घंटे की ठहराव में आपसे और अपने सप्तर्षि मंडल यानि भड़ास संचालक के अधिकतर सदस्य से मिल कर जाता । मुझे तो यशवंत दादा से पता चला की आजकल आप भड़ास 4 के लिए काम में joote हैं । मैं भले ही बिहार सरकार के जॉब में हूँ किंतु दिल नहीं लगता है। क्या इस अनुज की लिए वहां भड़ास में कुछ जगह है। भड़ास का अपना अख़बार हो ये आइडिया पर विचार करियेगा ।
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