एक दिन मेरी एक बहन जैसे फ्रेंड का फ़ोन आया। वो मेरी पत्रकारिता के जीवनकाल में मिली सबसे अच्छी दोस्त है. वो गुडगांव में आपने पति के साथ सुखमय जीवन व्यतीत कर रही है. मैंने उसे भड़ास के बारे में बताया उसने तुंरत इस इसको देखा और आप विश्वास नही करेंगे उसने तुंरत अपने पति से बात की और इस मुहीम में अपना योगदान करने का ठान लिया. मैंने उससे बहुत दिन बाद बात की थी मैंने उसे बोला देख बहन बहुत ज्यादा मदद करने की ज़रूरत नही है. बस थोड़ा सा ही करना मैंने उसे ऐसा इसलिए कहा क्यूंकि वो एक सुंदर से बेबी को जन्म देने जा रही है. आजतक की वो मेरी सबसे अच्छी दोस्त है. उसने जल्द करुनाकर के ठीक होने की दुवा की और यही नही संतोष जी यानी की स्वयं के पति जब अपने ऑफिस गए और वहां पर भड़ास के इस मुहीम की चर्चा की तभी वहां पर उनके साथ काम करने वाले एक सहयोगी अलोक मिश्रा ने भी करुनाकर को एक हज़ार की मदद करते हुए उसके अकाउंट में चैक जामा करवा दिया. उन्होंने भड़ास की करुनाकर से समबन्धित सारी सूचनाएँ भी पढीं. भड़ास के ऑब्जेक्टिव को देखकर हर कोई इसका प्रशंशक हो गया है. मैं इन शब्दों के मध्यम से अपनी बहन दोस्त को यूँ ही हमेशा अपने से जुदा रहने का निवेदन करूंगा. विशाल शुक्ला जी से मैं माफी चाहूंगा उन्होंने कहा था की उनका नाम भड़ास पर प्रकाशित न किया जाए सहयोग सूची में. पर दादा मैं आपको कहना चाहूंगा की यहाँ पर ये प्रतिस्पर्धा नही चल रही की कौन कितना दे सकता है. भाई साहब ये एक सहयोग है जो की करोड़ों रूपये से भी बढ़कर है. इसलिए हमने आपको यहाँ प्रकाशित क्या है. वैसे आपका जो प्यार है वो हम सबके लिए बहुत ही कीमती है.
अमित द्विवेदी
10.7.08
भड़ास की मुहिम की हर ओर सराहना
Labels: करुनाकर सराहना मदद
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
4 comments:
प्यारे भाई ,हिंदी में गजब मत करिये,देखिए अर्थ का अनर्थ हो रहा है........
"हमेशा अपने से जुदा रहने का निवेदन करूंगा"
जबकि होना चाहिये "जुड़ा़".....
आप BarahaIME डाउनलोड कर लीजिये और रामराज्य से... देख लीजिये कोई दिक्कत हो तो बताइये....
बहन को मेरी तरफ से धन्यवाद कहिये,उनके आने वाले बच्चे की लिये भड़ास परिवार की तरफ़ से शुभाशीष....
अमित भाई,
बहन को धन्यवाद नहीं कहूँगा क्योँ की ये उनकी भावना के विपरीत जायेगा, मगर आने वाले शिशु के लिए ढेरक शुभकामना जरूर दूंगा और हाँ ;-) डॉक्टर साब के मुताबिक चलिए अर्थ को अनर्थ ना बनाइये बहन नाराज हो गयीं तो बड़ी परेशानी होगी...:-P
जय जय भड़ास
maa ke baad bahan hi hoti hai, jo maa kii bhumika nibhati hai. aise mein bahan ko thanx nahin kahunga. aur haan amit bhai naam prakashit nahin karane ke liye kahane kii kuch doosari wajah thi.
kuch bhee ho dada but i hope hamne aapko hurt nahee kiya hai.
Post a Comment