क्या हो गया मेरे देश को.....इतने संवेदनहीन लोग क्यूँ हो गए.....कोई भी घटना हो चाहे दुर्घटना वो बस एक अखबारी ख़बर बन कर रह गई है.....एक अदना सा नेता जिसे चाहे पूरा देश जनता भी ना हो वो मर जाए तो राष्ट्रीय शोक घोषित हो जाता है....मातमी धुनें बजाई जाती है.....सभी जगह छुट्टी की घोषणा हो जाती है.....पूरे देश में एक मुहाल खड़ा कर दिया जाता है की जैसे देश अनाथ ही हो गया है............और इधर बिहार में बाढ़ आ जाती है तो.....ये बस एक ख़बर है,बाकि कार्य करम यथावत चलते रहेंगे क्यूंकि कोई बड़ा नेता इसमे नहीं mआरा है....गरीब लोग थे बाधः से नहीं तो भूख से मरेंगे....उनके लिए राष्ट्रीय शोक कैसे ?टी वी पर भी रंगारंग कार्यक्रम जारी है.....और क्या करें...मनोरंजन भी तो जरूरी है....?बाढ़ के लिए सब कुछ रोक दे क्या.......कोई नेता मरेगा तो सोचेंगे,.....अभी समय नही है इन बातों के लिए.......रजनीश परिहार,बीकानेर
3.9.08
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