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3.9.08

इंडिया टीवी.....लाचार दर्शक

अभी मेरे बहुत करीबी मुझसे मिलने आए और उन्होंने आने का कारण इंडिया टीवी पर चलने वाली उस ख़बर को बताया जिसमे उन्होंने ये सुना की बहुत जल्द दुनिया समाप्त होने वाली है. मैं सिर्फ़ अपने भडासी मित्रो से ये जानना चाहती हू कि इस तरह कि कभी चाँद न देखे या आदि मानव आएगा जैसे बकबास खबरों का क्या ओचित्य है, इसका कोई रोक नही है. जहा तक मुझे पता है मीडिया को इस तरह भयभीत करने का हक़ नही है फिर क्यों इस तरह की खबरों पर कोई प्रतिबन्ध नही लगता जीससे किसी की भावना आहत हो. क्या सरकार या सेंसर कोई कदम नही उठा सकती या फिर इस बात का रास्ता देखा जा रहा है की कुछ न सुलझने वाला मुद्दा उठे और फिर सरकार एक कमेठी बना कर उससे उबरे.

मंजुराज ठाकुरसह संपादक
www.narmadanchal.in

3 comments:

राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगर said...

भइया ये एक चैनल का हाल नहीं जिसको देखो वो यही सब दिखा रहा है. अब इन सब बातों से निपटना सम्भव नहीं दीखता. येही लोकतंत्र का चोथा स्तम्भ है.

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

मंजु बहन,लगता है कि अगर यही बेवकूफियां जारी रखीं और समाचार के नाम पर यही बकवास करते रहे तो कुछ हो न हो लेकिन इंडिया टी.वी. की दुनिया जरूर खत्म हो जाएगी.....

Anonymous said...

मंजु जी,
इसी बेसिरपैर की बातें को दिखा कर तो इंडिया टी वी टी आर पी में आगे बढ़ता जा रहा है, रजत जी के ज्ञान पर वैसे भी किसी को संदेह नहीं है क्यौंकि धंधेबाजी और दलाली में उन्हें महारथ जो हासिल है