अब जो आ ही गए हैं महफ़िल में हम ,
क्यों न दो चार नगमें सुनते चलें ,
थोड़ा दिल को तसल्ली तुम्हारे भी दें ,
थोडी दिल में जगह भी बनाते चलें ,
अब जो आ ही गए हैं ...................
20.9.08
अब जो आ ही गए हैं महफ़िल में हम
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1 comment:
bhadai ho mere bhai ab tum bhi bhadasiye ban gaye ho.
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