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6.4.09

अतिथि देवो भव:

विज्ञापन भी आपको सबक दे जाता हैं...मैं कल टी.वी. पर सीरियल देख रहा था, कि अचानक से विज्ञापन आ गया...ऐड आने के बाद मैं अकसर दूसरे चैनल देखने लगता हूँ रिमोट खोज ही रहा था कि विज्ञापन में आमिर खान विदेशियों को मेहमान कहकर संबोधित कर रहें थे बात यें है कि कोई मेहमान आपके घर आता हैं तो आप उसे इज्जत देतें है ना कि उसके साथ छेड़छाड़ या बलात्कार करनें की कोशिश करते हैं...,विज्ञापन में भी यहीं दिखाया गया था.. जब आपके देश में कोई पर्यटक आता हैं तो आप उसके साथ अच्छा व्यवहार करे ना कि उसे परेशान करें ...कोई उन्हें परेशान करता हैं तो भी चुप ना रहें बल्कि आवाज़ उठाएं..। अतिथि देवो भव....।
भारत में अतिथियों को भगवान माना जाता हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए पर्यटन विभाग ने अतुल्य भारत अभियान चलाया...साथ ही अतिथि देवो भवः कहा गया। भारत में लाखों की संख्या में विदेशी पर्यटक आते हैं। पर्यटन के क्षेत्र में आय का अच्छा स्त्रोत होते हैं पर्यटक। पर कुछ असामाजिक तत्वों के कारण भारतीय पर्यटन को नुकसान उठाना पड़ता हैं और भारत की छवि धूमिल होती है। इसका मुख्य कारण विदेशी महिला पर हुए यौन हमले हैं चाहें वो समुद्री तटों पर विदेशी पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर सवाल झेल रहे गोवा के कैवलोसिम बीच हो या तीर्थनगरी पुष्कर में विदेशी महिला के साथ छेड़छाड़ का मामला हो या केरल या उत्तर प्रदेश में भी पर्यटको के साथ छेड़खानी के मामले सामने
आते रहती हैं ...। सितम्बर 2008 में मेरठ की चलती हुई बस में एक विदेशी युवती से छेड़छाड़ की गई। ऐसे लोग भारत की जिस छवि को अपने मन में लेकर यहां आई होगीं,निश्चित रुप से वह जाते समय बदल गई होगी । मुम्बई,दिल्ली,मद्रास, पुणे इत्यादि भारत के लगभग सभी राज्यों में विदेशी महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की घटना सामने आते रहती हैं।जिससे भारत का सर शर्म से झुकता रहा हैं। सिर्फ छेड़छाड़ ही नहीं बल्कि जब वो किसी वस्तु को खरीदने जाते है तो उनसे उस वस्तु का दाम बढ़ा कर लिया जाता हैं। कुछ असामाजिक तत्वों के कारण विदेशी पर्यटक भारत आने से कतराने लगे हैं। क्या ऐसी धटनाओं से अतुल्य भारत और अतिथि देवो भवः का सपना साकार हो सकता है? क्या आमिर के विज्ञापन से लोग जाग सकेंगे..अतिथि देवो भवः ?

श्याम सुन्दर सिंह
bagiya.blogspot.com

2 comments:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

"कुछ असामाजिक तत्वों के कारण विदेशी पर्यटक भारत आने से कतराने लगे हैं। क्या ऐसी धटनाओं से अतुल्य भारत और अतिथि देवो भवः का सपना साकार हो सकता है? क्या आमिर के विज्ञापन से लोग जाग सकेंगे..अतिथि देवो भवः ?"

कुछ तो शर्म करो।
विश्व में अपने देश की छवि तो
मत खराब करो।

Anil Kumar said...

जो अपने देशवासियों को देव नहीं मान पाया वो विदेशियों को क्या मानेगा? शुरुआत घर से ही हो तो अच्छा है।