सियार ने खरगोश को दुलारा
शेर ने हिरण को पुचकारा
भेड़िये देख रहें हैं
राजा बनने के ख्वाब,
हे दोस्त, जंगल में
कैसे आया इतना बड़ा बदलाव।
लोमड़ी मेमने को गले लगाती है
बिल्ली चूहे के साथ नजर आती है
सूअर बकरी के साथ
घास खा रहा है जनाब,
हे दोस्त ,जंगल में
कैसे आया इतना बड़ा बदलाव।
सुनो भाई,इन जानवरों में
अब भी वैसा ही मरोड़ है
जो दिख रहा है वह तो
कुर्सी के लिए गठजोड़ है,
नकली है इनका भाई चारा
बस क्षणिक है ये बदलाव
सच तो ये है दोस्त
जंगल में हो रहें हैं चुनाव।
23.4.09
जंगल में हो रहें हैं चुनाव
Posted by गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर
Labels: जंगल में हो रहें हैं चुनाव
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3 comments:
khoob, bahut khoob.badaa sahi chitran kiyaa hai aaj ki chunaavi paristhiti kaa.
badhaai
maqbool
मजेदार!
Yahi sab kuch hamare india mei ho raha hai bhaijaan.....
Suresh... skgsd
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