क्यों सजती है लड़कियां, कहीं ये उनकी मजबूरी तो नहीं हैं। किसी भी क्षेत्र की बात करें तो वहां पर काम करने वाली हर लड़की मेकअप करके ही वहां जाती है। कालेज, बाजार में घूमने, दफ्तर में, यहां तक की पड़ोस के किसी मंदिर में भी पूजा के लिए जाते वक्त भी वो मेकअप करती है। मेरे हिसाब से 70 फीसदी से अधिक लड़कियां खुद को सजा कर रखना चाहती है।सप्ताह में एक बार पार्लर में जाना. फैशियल करवाना, आईब्रो बनवाना कई तरह के सोन्दर्य प्रशाधन है, जिनका वो इस्तेमाल करती है। क्यों..
वहीं अगर बात करें लड़कों की तो लड़कियों की अपेक्षा वे सोन्दर्य प्रसाधनों में कम विश्वास रखते है। कभी कभी बगैर शेविंग किये ही कई भी चले जाते है कैसे भी कपड़े पहना उन्हें पसंद है फिर चाहे वो गंदे ही क्यों न हो.. और लड़के शायद ही 20 फीसदी ऐसे हो जो मेकअप अथवा सोन्दर्य प्रसाधन का प्रयोग करते हो। वो अपनी हर परिस्थियों को जबरन फैशन और नया ट्रेन्ड मान कर समय के साथ समझौता कर लेते है। लड़कियां ऐसा क्यों नहीं कर पाती है। आखिर क्यों सजती है लड़कियां...
31.3.10
क्यों सजती है लड़कियां
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