काफी समय के बाद आज मैं ब्लॉग पर आया हूं। दरअसल इस दौरान मैं बड़ी ही विकट परेशानियों में था, मेरी दादी पूज्यनीय श्रीमति प्रेमवती देवी जी का सोमवती अमावस्या दिन सोमवार सुबह करीब साढ़े सात बजे निधन हो गया। जिनका अन्तिम संस्कार 15 मार्च को ही गाजियाबाद स्थित हिन्डन नदी के किनारे कर दिया गया। मैं अपनी दादी से बहुत प्यार करता था। दादी के इस संसार से चले जाने का दुख मुझे हमेशा सताता रहेगा। 22 मार्च को हमने हिन्दू रीति- रिवाज के अनुसार सभी कर्मों को पूर्ण किया। इस मौके पर हमारे पास पड़ोस रिश्तेदारों समेत हमारे पैत्रक गांव धरारी जिला बुलन्दशहर से सभी लोग शिरकत करने पहुंचे और उनकी आत्मा की शान्ती के लिए प्रार्थना की।
23.3.10
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2 comments:
सूरज जी इस दुःख की घडी में हम सब आपके साथ हैं.ईश्वर आपको दुःख को सहने की ताकत दे.
bhagwaan hamari pujneey dadai ji ki aatma ko shanti de,aur har janm me unse hamara saath bana rahe..
suraj ji hum sab saath hai...
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